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उडो तुम व्योम के वितान में

पसारो पंख निर्भय .

अश्रु धार  से

नहीं हटेगी चट्टान                                                                                                                    

जो है जीवन की राह में

मार्ग अवरुद्ध किये,  खुशियों की .

गगन की ऊंचाई से

सब कुछ छोटा लगता है .

और तुम बड़े हो जाते हो.

बिस्तर की नमकीन चादर को

धुप दिखा कर 

फिर टांग दो परदे की तरह ..

 

पुर्णतः मौलिक एवं अप्रकाशित 

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 1, 2013 at 6:06pm

सादर आदरणीय

Comment by Neeraj Neer on October 1, 2013 at 8:31am

आदरणीय सौरभ जी सादर धन्यवाद, मुझे आपकी बात उचित प्रतीत होती है .. मैं उसे सुधार लेने का प्रयत्न करूँगा .. 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 28, 2013 at 9:39am

//उत्स का प्रयोग यहाँ आंसू के सन्दर्भ में गया है.. आँखों का उत्स ... भाव हैकि आंखो से निकलने वाले आंसू//

इस हिसाब से ’उत्स’ शब्द का प्रयोग उचित होगा आदरणीय ? कृपया पुनः देख लें.

उत्स, जैसा कि मैंने जाना और समझा है, किसी ऑब्जेक्ट के निर्गत या प्रारम्भ को कहते हैं. किसी ऑब्जेक्ट से निकलते अन्य किसी ऑब्जेक्ट के लिए प्रारम्भ नहीं होता. जैसे, सद्वृत्तियों का उत्स स्पष्ट मन और चित्त होता है. स्पष्ट मन और चित्त का उत्स सद्वृत्तियाँ नहीं होंगीं न !  यानि, आँसुओं या अश्रु का उत्स आँख अवश्य होगी. किन्तु, आँखों का उत्स अश्रु को मानना तनिक अन्यथा प्रतीत होता है.

जैसा मैंने समझा है वही साझा कर रहा हूँ.

Comment by Neeraj Neer on September 28, 2013 at 8:44am

आदरणीय सौरभ जी . आभार आपका . उत्स का प्रयोग यहाँ आंसू के सन्दर्भ में गया है.. आँखों का उत्स ... भाव हैकि आंखो से निकलने वाले आंसू. आपका हार्दिक धन्यवाद ..  

Comment by Neeraj Neer on September 28, 2013 at 8:42am

आदरणीय डॉ प्राची सिंह जी रचना पसंद करने के लिए हृदय से आभार , आपकी प्रतिकिया से उत्साह बढ़ा है ..

Comment by Neeraj Neer on September 28, 2013 at 8:41am

आदरणीय चंद्रशेखर पाण्डेय जी हार्दिक आभार 

Comment by Neeraj Neer on September 28, 2013 at 8:40am

आदरणीय विजयाश्री जी बहुत आभार.

 

Comment by Neeraj Neer on September 28, 2013 at 8:39am

आ. भाई अरुण शर्मा जी आभार आपका 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 28, 2013 at 12:57am

बहुत अच्छा प्रयास हुआ है भाईजी.. .

बधाई स्वीकारें .. .

उत्स  का किन अर्थों में प्रयोग किया है, आपने भाईजी... ??


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 26, 2013 at 2:52pm

सकारात्मक सन्देश देती सुन्दर अभिव्यक्ति 

हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

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