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सुनो ...प्यार बड़ी चीज़ है
सबके काम आता है ये
डूबतों का तिनका
दुखियों का सहारा है ये
रोते हुओं के आँसू पोंछ
टूटे हुए दिलों को जोड़ जाता है ये
रूठों को मना लाता है
रिश्तों को शहद बनाता है ये
'इंतज़ार' कम ही लोगों को
करना आता है ये
इसकी तहज़ीब सीख लीजिये
वर्ना सोने वालों की
नीद उड़ा ले जाता है ये
उमंगों को भड़का
ज़िंदगी का मकसद बन जाता है ये
सुनो ...एहसासों का बुलबुला है ये
कांटा लगा ......तो
हवा हो जाता है ये !! 

************************************************

मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 16, 2015 at 4:19pm

आदरणीय Hari Prakash Dubey जी हार्दिक आभार ! सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 16, 2015 at 4:19pm

आदरणीय Samar kabeer जी बहुत बहुत शुक्रिया जनाब ...सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on May 16, 2015 at 9:29am

आदरणीय मोहन सेठी जी, सुन्दर प्रयास , बधाई  आपको इस रचना पर  ! सादर 

Comment by Samar kabeer on May 15, 2015 at 10:41am
जनाब मोहन सेठी 'इंतज़ार' जी ,आदाब ,सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 15, 2015 at 7:03am

आदरणीय shree suneel जी हार्दिक अभिनंदन एवं आभार ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 15, 2015 at 7:01am

अदानिया kanta roy जी हार्दिक आभार ...आपने कविता के अंत में मुख्य भाव को पकड़ा अच्छा लगा ...सादर 

एहसासों का बुलबुला है ये !..कांटा लगा तो हवा हो जाता है ये !

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 15, 2015 at 6:58am

आदरणीय krishna mishra 'jaan'gorakhpuri जी धन्यवाद ...जी बिलकुल सही कहा अब कलम को पत्थर पे रगड़ कर थोड़ा तेज करना  पड़ेगा ...होगा के नहीं ....पता नहीं ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 15, 2015 at 6:55am

आदरणीय Dr. Vijai Shanker जी हार्दिक आभार ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 15, 2015 at 6:55am

आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया जी आप की उपस्थिति और पसन्दगी के लिये हार्दिक आभार ...सादर 

Comment by shree suneel on May 14, 2015 at 9:52pm
आदरणीय मोहन सेठी जी, प्यार की विशेषता बताते अच्छी कविता हुई है. हार्दिक शुभकामनाएं.

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