For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पर चर्चा के आनंद

पर चर्चा के आनंद
एगो भोजपुरी साईट के स्वघोषित स्वयम्भू आ उनकर कुछ चाटुकार मित्र मंडली समय -समय पर भोजपुरी भासी लोगन के इ एहसास करावत रहेला की उ लोग के अलावे पूरा बिहार ,उत्तरप्रदेश ,झारखण्ड, के बारे में केहू सोचे वाला नइखे (पता ना सोच -सोच के का भला करले बा लोग) | समय -समय पर अपना उत्क्रिस्ट (बिखिप्त) भासा से समझावे के बेजोड़ कोशिश करे ला लोग | आ एहू बात के ख्याल रखे ला लोग की उ लोग के बराबरी केहू खाड़ा ना होखे पावस | आ आपन हर लेख के माध्यम से ई एहसाश करावे ला लोग की उ लोग जौन लिखलस उ भोजपुरी के आंखरी सत्य ह |

बबुआ बिदेशी आ देशी हम त इहे कहब अपन दोकान पर ध्यान द लोग | लाभ होता की हानि होता एकर ख्याल राख लोग, बाकि के का करत बा , कैसे चलत बा ओकरा पर ज्यादा ध्यान देब लोग ता सेहत आ धंदा दुनो पर असर परी (जौन की already पड रहल बा , अईसन बुझाता )

ई बाबु लोग के भोजपुरी मसीहा बने के रोग लाग गइल बा | आपना साईट के अलावे बाकि सब साईट ई लोग के खराब लागेला ( उ त लगबे करी ,भाई ई लोग के धंदा थोडा मंदा जे हो गइल बा )
अंत में हम इहे कहब की दया करके सबके बेवकूफ समझल बंद करी सभे | आ अपना दौरी दोकान पर ध्यान केन्द्रित करी |
jai ho bhojpuri aa bhojpuri bhasi log ke

Views: 411

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Prabhakar Pandey on July 2, 2010 at 4:33pm
सादर नमस्कार। आपसे सादर अनुरोध बा कि अपनी ए रचना के http://www.bhojpuriexpress.com/ पर प्रकाशित करे के किरिपा करीं।
इ हमार प्रार्थना बा। सादर।।
Comment by Rash Bihari Ravi on July 2, 2010 at 3:25pm
मन के बात ऊपर आवत बाते ,
कहत बानी भोजपुरिया नाते ,
जे कुछ कहे चाह खुल के आव ,
हिम्मत बा त नजर मिलवा ,
खुलम खुल्ला तोहके बोलब ,
जान अब हम नाही छोराब ,
बिना मतलब के हो बबुआ ,
मत समझा सबके बधुआ ,
सचाई जब सामने आई ,
रोअबा तुहू मुहकी खाई ,
का फायदा बा पर निंदा में ,
हाथ ना लगाइब हम गन्दा में ,
मन के बात ऊपर आवत बाते ,
कहत बानी भोजपुरिया नाते ,
Comment by Rash Bihari Ravi on July 2, 2010 at 2:25pm
jai ho bijay bhaiya ke bahut badhia likhani

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
21 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
21 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
22 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service