For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

anwar suhail
  • Male
  • bijuri mp
  • India
Share on Facebook MySpace

Anwar suhail's Friends

  • Sheikh Shahzad Usmani
  • Aditya lok
  • डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव
  • शकील समर
  • अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव
  • Pradeep Kumar Shukla
  • devendra vikram singh
  • ASIT BARAN CHAKRABORTY
  • Lata tejeswar
  • pramod dwivedi
  • Madan Mohan saxena
  • hina firdaus
  • dr bipin kumar
  • dr sumith poduval
  • जितेन्द्र पस्टारिया

RSS

Loading… Loading feed

 

anwar suhail's Page

अनवर सुहैल

छत्तीसगढ़ के  जांजगीर में ०९ अक्टूबर १९६४ को जन्म.

  • माता उर्दू/फारसी की ज्ञाता, पिता अध्यापक.
  • छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले की तहसील मनेन्द्रगढ़ के रेलवे प्राथमिक शाला में प्रायमरी शिक्षा, शाशकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनेन्द्रगढ़ में हायर सेकंडरी १९८१ में, शाशकीय पोलीटेक्निक कालेज शहडोल से खनिकर्म अभियांत्रिकी में डिप्लोमा सन १९८४ में.
  • प्रथम श्रेणी खान प्रबंधन प्रमाण-पत्र २००५ में.
  • सम्प्रति : कोल इंडिया लिमिटेड की एस ई सी एल में वरिष्ठ प्रबंधक के तौर पर बहेराबंध भूमिगत कोयला खदान के कार्यरत...ज़मीन के ६०० फिट नीचे से कोयला निकालने का काम.
  • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन से उपन्यास : पहचान

                             तीन कथा संग्रह : कुंजड-कसाई, ग्यारह सितम्बर के बाद, चहल्लुम

                             दो कविता संग्रह : और थोड़ी सी शर्म दे मौला, संतो काहे की बेचैनी

                             महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के वेबसाईट में उपन्यास पहचान

                             अनवर सुहैल : उपन्यास: पहचान : हिन्दी-समय डॉट काम

  • ब्लोग्स : http://www.anwarsuhel.blogspot.in/
  • संपादन : संकेत नामक कविता केंद्रित लघुपत्रिका
  • परिवार : नाजरा (पत्नी) हिना फिरदौस और सबा शाहीन (बेटियाँ)
  • संपर्क : टाइप ४/३, पो बिजुरी जिला अनूपपुर म प्र ४८४४४०

 

स्व. अम्मी जाहिदा इस्माइल की स्मृति को अर्पित 

अक्ल  वालों  को  अक्ल दे मौला

इल्म   वालों  को  इल्म  दे मौला

धर्म      वालों  को   धर्म दे मौला

और      थोड़ी- सी    शर्म दे मौला

           -----------अनवर सुहैल

Latest Activity

anwar suhail posted photos
Nov 14, 2020

Profile Information

Gender
Male
City State
po bijuri dist anuppur mp
Native Place
manendragarh chattisgarh
Profession
govt service (Sr Manager)
About me
kavi, kathakar, editor : sanket

anwar suhail's Photos

  • Add Photos
  • View All

Anwar suhail's Blog

ग़ज़ल

हर कोई लालायित कितना, कैसे भी हों कालजयी

इस चक्कर में ठेला-ठाली, धक्का-मुक्की मची रही

नदी वही है, लहर वही है, और खिवईया रहे वही

लेकिन अपनी नाव अकेली बीच भंवर में फंसी रही

बार-बार समझाते उनको हम भी हैं तुम जैसे ही

बार-बार उनके भेजे में बात हमारी नहीं घुसी

छोडो तंज़-मिजाज़ी बातें, आओ बैठो गीत बुनें

खींचा-तानी करते-करते बात वहीं पे रुकी रही

(अप्रकाशित मौलिक) 

Posted on February 22, 2016 at 8:30pm

खनिकर्मी का जीवन

कोयला खदान की 

काली अँधेरी सुरंगों में 

निचुड़े तन-मन वाले खनिकर्मी के 

कैप लैम्प की पीली रौशनी के घेरे से 

कभी नहीं झांकेगा कोई सूरज 

नहीं दीखेगा नीला आकाश 

एक अँधेरे कोने से निकलकर 

दूसरे अँधेरे कोने में दुबका रहेगा ता-उम्र वह

पता नहीं किसने, कब बताया ये इलाज 

कि फेफड़ों में जमते जाते कोयला धूल की परत को 

काट सकती है सिर्फ दारु 

और ये दारू ही है जो एक-दिन नागा…

Continue

Posted on January 1, 2016 at 3:30pm — 3 Comments

टुकड़खोर सेवादार

अइसई नहीं मिलता 

सेवादारी का ओहदा 

बड़ी कठिन परीक्षा है 

निभा ले जाना ड्यूटी सेवादारी की

हाकिम-हुक्काम तो 

कोई भी बन सकता है 

सेवादार बनना बहुत कठिन है 

सेवादार को होना चाहिए 

भाव-निरपेक्ष...संवेदनहीन 

अपने ड्यूटी-काल में 

और उसके अलावा भी 

जाने कौन सा राज़ 

कब किस हालत में फूट जाए 

और लेने के देने पड़ जाएँ 

हाकिम बना रहे 

हाकिम बचा रहे 

हुकुम सलामत रहे 

तो रोज़ी-रोटी की है गारंटी 

इतनी…

Continue

Posted on December 15, 2015 at 5:53pm — 2 Comments

बाज़ार और साम्प्रदायिकता के बीच

बाज़ार रहें आबाद

बढ़ता रहे निवेश

इसलिए वे नहीं हो सकते दुश्मन

भले से वे रहे हों

आतताई, साम्राज्यवादी, विशुद्ध विदेशी...

अपने मुल्क की रौनक बढाने के लिए

भले से किया हो शोषण, उत्पीड़न

वे तब भी नहीं थे वैसे दुश्मन

जैसे कि ये सारे हैं

कोढ़ में खाज से

दल रहे छाती पे मूंग

और जाने कब तक सहना है इन्हें

जाते भी नहीं छोड़कर

जबकि आधे से ज्यादा जा चुके

अपने बनाये स्वप्न-देश में

और अब तक बने…

Continue

Posted on November 14, 2015 at 9:00pm — 3 Comments

Comment Wall (8 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 9:35am on November 12, 2013, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

सुहैल जी

आपकी मित्रता का तहेदिल से स्वागत है

वैसे  ओपन बुक्स ऑन  लाइन के सभी सदस्य एक ही परिवार के हैं  सभी मेरे लिए मित्र जैसे ही हैं

आपकी रचनाये अच्छी होती हैं

जब भी  ब्लॉग पर दिखेगी मैं अवश्य सराहुंगा

मैं नया सदस्य हूँ अभी तौर तरीके  सीख रहा हूँ  इसीलिये उत्तर में बिलम्ब हुआ  कृपया छमा  करे  I  

At 10:35am on October 9, 2013, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला said…

जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाए " परवरदिगार आपको दायित्व की ताकत दे | आपका हामार स्नेह 

बना रहे |-लक्ष्मण लडीवाला,जयपुर 

At 11:19am on September 5, 2013, Meena Pathak said…

बहुत बहुत बहुत स्वागत आप का आदरणीय

At 9:45pm on September 4, 2013, annapurna bajpai said…

आदरणीय अनवर सुहैल जी ,आपका हमारी मित्र मंडली मे स्वागत है । 

At 11:06pm on May 3, 2013, Dr. Rama Shankar Shukla said…

Apne mitr banaya, ham abhari hain.

At 5:14pm on April 22, 2013,
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
said…

मेरे प्रोफाइल से इंस्पिरेशन... मैं क्या कहूँ आपने यह कह मुझे निःशब्द कर दिया है....इस सद्भाव के लिए और मान के लिए आपकी हृदय से आभारी हूँ आदरणीय अनवर जी.

आपकी शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया 

आपकी दोनों बेटियों को ढेर सारा स्नेहाशीष और सद्कामनाएं.

सादर.

At 3:20pm on April 7, 2013, Abhinav Arun said…

आदरणीय श्री अनवर सुहैल जी आपकी रचना "मांगना"को "महीने की सर्वश्रेष्ट रचना पुरस्कार" प्रदान किये जाने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!

At 12:12pm on April 6, 2013,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय अनवर सुहैल जी,
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की रचना "मांगना" को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना पुरस्कार के रूप मे सम्मानित किया गया है, तथा आप की छाया चित्र को ओ बी ओ मुख्य पृष्ठ पर स्थान दिया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |

आपको पुरस्कार राशि रु 1100 /- और प्रसस्ति पत्र शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस नामित कृपया आप अपना नाम (चेक / ड्राफ्ट निर्गत हेतु), तथा पत्राचार का पता व् फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |


शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी

संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक 

ओपन बुक्स ऑनलाइन 

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व स्नेहाशीष के लिए आभार। जल्दबाजी में त्रुटिपूर्ण…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में सारस्वत सहभागिता के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। शीत ऋतु की सुंदर…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Nov 18
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Nov 18
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Nov 18
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Nov 17

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service