For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Pradeep Kumar Shukla
Share on Facebook MySpace

Pradeep Kumar Shukla's Friends

  • Dr Ashutosh Vajpeyee
  • annapurna bajpai
  • कल्पना रामानी
  • sharadindu mukerji
  • बृजेश नीरज
  • वेदिका
  • Meena Pathak
  • anwar suhail
  • Ashok Kumar Raktale
  • Saurabh Pandey
 

Pradeep Kumar Shukla's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Kanpur, UP
Native Place
Lucknow
Profession
Govt. Servant

Pradeep Kumar Shukla's Blog

"विडम्बनाएं"

किरणों को अभिशाप पड़ेंगी वे जिन जिन पर

कर देंगी परछाईं काली किसी पटल पर ।

हर जीवन के संग जनमती मृत्यु, अजय है

हर आशा में छुपा निराशा का भी भय है ॥

धन औ ऋण का योग बनाता सदा शून्य है

गोल शून्य सा भाल किन्तु रत धन औ ऋण में ।

हासिल जिसका शून्य पराजय वह कहलाती

किन्तु शून्य को छू पाऊँ तो अजय विजय है ॥

हर आशा में छुपा निराशा का भी भय है ॥

जन्मदिवस कि ख़ुशी प्रसव के पीर से उपजी

राम नाम का ज्ञान मरा में छुपा मिला था…

Continue

Posted on March 17, 2014 at 12:41am — 4 Comments

'सास बहू के झगड़े'

 

माँ ममता की लाली घर आँगन छा जाए

जब प्राची की गोद बाल दिनकर आ जाए ।

कलरव कर कर पंछी अपना सखा बुलाएं

चलो दिवाकर खुले गगन क्रीड़ा हो जाए ॥

 

सब जग में सुन्दरतम तस्वीर यही मन भाती

गोद हों शिशु अठखेलियाँ मैया हो दुलराती |

लगे ईश सी चमक मुझे उन नयनों से आती

तभी यक़ीनन नित प्रातः प्राची पूजी जाती ||

 

शीत काल है जब जब कठिन परीक्षा आई

खेल हुआ है कम तब तब रवि करे पढाई ।

और, स्वतंत्र हो खूब सूर्य तब चमक…

Continue

Posted on September 24, 2013 at 4:00pm — 14 Comments

Comment Wall (3 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 2:26pm on November 8, 2013, कल्पना रामानी said…

आदरणीय प्रदीप जी, मेरी मित्र मंडली में आपका हार्दिक स्वागत

At 2:25pm on November 8, 2013, कल्पना रामानी said…

At 11:33pm on September 25, 2013, annapurna bajpai said…

आदरणीय प्रदीप जी आपका ओ बी ओ परिवार मे  स्वागत है ।  

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   देवों की है कर्म भूमि, भारत है धर्म भूमि, शिक्षा अपनी…"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
Monday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बंधु, लघु कविता सूक्ष्म काव्य विवरण नहीं, सूत्र काव्य होता है, उदाहरण दूँ तो कह सकता हूँ, रचनाकार…"
Monday
Chetan Prakash commented on Dharmendra Kumar Yadav's blog post ममता का मर्म
"बंधु, नमस्कार, रचना का स्वरूप जान कर ही काव्य का मूल्यांकन , भाव-शिल्प की दृष्टिकोण से सम्भव है,…"
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service