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प्रिय तुझसे मैं प्यार करूँ ...

प्रिय तुझसे मैं प्यार करूँ ...

स्मृति घरौंदों में तेरा मैं
कालजयी श्रृंगार करूँ
अभिलाष यही है अंतिम पल तक
प्रिय तुझसे मैं प्यार करूँ


श्वास सिंधु के अंतिम छोर तक
देना मेरा साथ प्रिय
उर -अरमानों के क्रंदन का
कैसे मैं परिहार करूँ
अभिलाष यही है अंतिम पल तक
प्रिय तुझसे मैं प्यार करूँ


मेरी पावन अनुरक्ति का
करना मत तिरस्कार प्रिय
दृग शरों के घावों का मैं
कैसे क्या उपचार करूँ
अभिलाष यही है अंतिम पल तक
प्रिय तुझसे मैं प्यार करूँ

नैन तटों पर तेरे मेरा
जीवन सारा कट जाए
हृदय कुञ्ज में प्रणय पलों का
हरदम मैं सत्कार करूँ
अभिलाष यही है अंतिम पल तक
प्रिय तुझसे मैं प्यार करूँ


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 507

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Comment by Sushil Sarna on January 7, 2020 at 8:01pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब .... सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का तहे दिल से शुक्रिया। आपको नूतन वर्ष की हार्दिक बधाई एवं हार्दिक शुभकामना।

Comment by Samar kabeer on January 3, 2020 at 3:35pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sushil Sarna on December 31, 2019 at 7:00pm

आदरणीय   Dr. Geeta Chaudhary  जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार। आपको नूतन वर्ष २०२० की हार्दिक बधाई।नया वर्ष आपके जीवन खुशियों की सौगात लाये। हैप्पी न्यू ईयर ...

Comment by Sushil Sarna on December 31, 2019 at 6:59pm
आदरणीय   डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार। आपको नूतन वर्ष २०२० की हार्दिक बधाई।नया वर्ष आपके जीवन खुशियों की सौगात लाये। हैप्पी न्यू ईयर ....& edited...thanks
Comment by Dr. Geeta Chaudhary on December 29, 2019 at 7:41pm

आदरणीय सुशील सरना जी बहुत ही सुंदर। सुंदर भाव और आकर्षक शब्द शिल्पकारी। बहुत बधाई आपको।

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 29, 2019 at 6:29pm

नैन तटों पर तेरे मेरा
जीवन सारा काट   (कट ) जाए ---------  बड़ी मनोरम अभिव्यक्ति / सुन्दर 

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