For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उम्मीद के चमन में सांसों सी हैं दुआएं।

उम्मीद के चमन में सांसों सी हैं दुआएं।
सुख दुःख दो शिलाएं, इक आए इक जाए।।

हम दोस्त है सभी के
क्यों दुश्मनी निभाएं
सुन्दर भाव संवारें,
अन्तर्मन व्यथाएं ।।1उम्मीद के---


फूलों औ कलियों से
सुगन्धित हैं दिशाएं
अपनी ही आस्था से
बस प्यार को बढ़ाएं।।2 उम्मीद के---


मौसम आये जाये
खुशबहार-पतझड़ से
सुजन में खिन्नता है
दुर्जन खिल खिलाएं।।3 उम्मीद के---


कुछ शहंशाह ऐसे
जो मुल्क बेचते हैं
रोते उदास बच्चे
हर कदम लड़खड़ाएं।।4


उम्मीद के चमन में सांसों सी हैं दुआएं।
सुख दुःख दो शिलाएं,इक आए इक जाए।।

के0पी0सत्यम/ मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 604

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 9, 2013 at 8:42pm

आ0 मनोज भाई जी,  आपके स्नेह हेतु आपका तहेदिल से हार्दिक आभार।   सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 9, 2013 at 8:39pm

आ0 सीमा अग्रवाल जी,  आपके स्नेह और आशीष से गीत को पूर्णता मिली।  आपका तहेदिल से हार्दिक आभार।   सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 9, 2013 at 8:05pm

आ0 रक्ताले सर जी, आपका मुग्धकारी स्नेह और आशीष पाकर गीत  को सुर मिल गया। आपका तहेदिल से हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by seema agrawal on May 9, 2013 at 7:45pm

उम्मीद के चमन में सांसों सी हैं दुआएं।
सुख दुःख दो शिलाएं,इक आए इक जाए..........सुन्दर गीत 

Comment by manoj shukla on May 9, 2013 at 6:24pm
बहुत सुन्दर रचना बधाई स्वीकार करें आदर्णीय
Comment by Ashok Kumar Raktale on May 9, 2013 at 8:28am

आदरणीय केवल प्रसाद जी सादर,  बहुत सुन्दर रचना.सादर बधाई स्वीकारें. मंच पर विगत कुछ दिनों से चल रही कार्यशाला का सुन्दर असर आपकी रचना पर दृष्टिगत हो रहा है,आपसे यही अपेक्षित भी था.शुभकामनाएं.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो
"आ. समर सर,मिसरा बदल रहा हूँ ..इसे यूँ पढ़ें .तो राह-ए-रिहाई भी क्यूँ हू-ब-हू हो "
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो
"धन्यवाद आ. समर सर...ठीक कहा आपने .. हिन्दी शब्द की मात्राएँ गिनने में अक्सर चूक जाता…"
10 hours ago
Samar kabeer commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो
"जनाब नीलेश 'नूर' जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई, बधाई स्वीकार करें । 'भला राह मुक्ति की…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा पाण्डे जी, सार छंद आधारित सुंदर और चित्रोक्त गीत हेतु हार्दिक बधाई। आयोजन में आपकी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी,छन्नपकैया छंद वस्तुतः सार छंद का ही एक स्वरूप है और इसमे चित्रोक्त…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी, मेरी सारछंद प्रस्तुति आपको सार्थक, उद्देश्यपरक लगी, हृदय से आपका…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा पाण्डे जी, आपको मेरी प्रस्तुति पसन्द आई, आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी उत्साहवर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार। "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 159 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप उत्तम छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service