For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


32 वर्णो का डमरू दण्डक ‘‘ल सब‘‘ अर्थात इसके बत्तीसों वर्ण लघु होते है।


‘‘कमल नमन कर तमस शमन कर, उजस उरन भर हरष सकल नर।
अपजस हर मन सब रस तन भर, कलश सगर सम हृदय तरल कर।।
हलधर मत कह जन मन भय डर, भग कर लठ लय तड़ तड़ तब मर।
हलधर जय जय भगवन छत धर, मन भय हर-हर भजन करत तर।।‘‘

भावार्थ- कमल आदित्य के समान ही समस्त तिमिर को नष्ट करने वाला, हृदयों मे उल्लास, ओज और सभी प्राणियों में हर्ष का संचार करके दुःखों और सारी विकृतियों को दूर करने वाला है। यह शुभ कलश और विपुल पयोधि की भांति ही अन्तर्मन को द्रवित करके ईशमय सारे सद्गुणों की उत्पत्ति करता है। सामान्यतया सर्प को सर्प ही कहने से रोका गया है। अतः इसे कीड़ा अथवा गोजर आदि शब्द से सम्बोधन किया जाता है और इसे कालरूप में देख कर मनुष्य भय करके तत्काल इसका मुख कुचल कर मार देता है। सर्प को सर्प इसलिए भी नही कहते है क्योकि हलधर तो शेषनाग अर्थात श्रीराम के अनुज श्री लक्ष्मणजी ही हैं। जो सदैव ही परमेश्वर की आराम शैया और सिर छत्र बनकर उनकी सेवा में लगे रहते है। इनका स्मरण करते ही सकल जीव भय से मुक्त हो जाता है तथा भगवान विष्णु जी सहित शेषनाग जी का भजन आरती गाने से जीव को परम गति अर्थात मोक्ष की प्राप्ति होती है।


के0पी0सत्यम/मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 743

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 10, 2013 at 7:19pm

आ0 रामशिरोमणि भाई जी,   आपके स्नेह और सराहना से मैं धन्य हुआ।  तहेदिल से हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by ram shiromani pathak on May 10, 2013 at 1:02am
adarneey bhai kewal ji bahut sundar likha hai apne hardik badhai
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 9, 2013 at 7:56pm

आ0  अरून अनन्त भाई जी, आपके मुग्धकारी स्नेह हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 9, 2013 at 7:52pm

आ0  गीतिका वेदिका जी, आपके स्नेह के लिए बहुत बहुत धन्यवाद एवं हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 9, 2013 at 7:51pm

आ0 लड़ीवाला जी, आपके स्नेह पूरित आशीष के लिए बहुत बहुत हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 9, 2013 at 3:50pm

बहुत ही सुन्दर प्रयास है भाई केवल प्रसाद जी, आपका यह प्रयास मुग्ध कर रहा है हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by वेदिका on May 9, 2013 at 3:45pm

बहुत सुंदर प्रयास आदरणीय केवल प्रसाद जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 9, 2013 at 1:31pm

सुन्दर डमरू घनाक्षरी के लिए बधाई भाई श्री केवल प्रसाद जी 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 9, 2013 at 7:55am

आ0 मनोज भाई जी, आपका धन्यवाद सहित हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 9, 2013 at 7:54am

आ0 रक्ताले जी, आपका स्नेह सदैव आशीष फलता है। सर जी, आपने उचित कहा।   धन्यवाद सहित हार्दिक आभार।  सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
5 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
7 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
7 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
7 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service