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!!! मेरे घर आई एक नन्हीं परी !!!

!!! मेरे घर आई एक नन्हीं परी !!!


(आ0 गनेशजी सर जी को सादर शुभकामनाओ सहित समर्पित।)


चतुर्दश चन्द्र रूप सुखं। दिव्य तेज मुखारविदं।।
कर क्रीडति किन किन धुनं। किलकत मंद मंद हॅसं।।
सुख पाय तके छवि बलं। रवि रश्मि रति सरस मनं।।
जय हो श्री गनेशजी शुभं। जय हो श्री गनेशजी शुभं।।


के0पी0सत्यमध् मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 8, 2013 at 8:47am

आ0 तनेजा जी,    आपके स्नेह और प्रोत्साहन के लिए बहुत बहु हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by Usha Taneja on May 7, 2013 at 7:09pm

आदरणीय  Kewal Prasad जी, कानों में घंटियों की तरह बज रही है आपकी कविता! बहुत बढ़िया! 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 6, 2013 at 8:55pm

आ0कुशवाहा जी, आपके स्नेह के लिए बहुत बहुत हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 6, 2013 at 12:15pm

vaah bhai, aanandm chaayo ji 

aapkii rachna man bhayo ji 

shubhm 

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