For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! प्यारी बेटी !!!


बेटी, सुनहरी धूप सी.....!
बेटी, नीम की छांव सी....!
बेटी, धन सी कामना...!
बेटी, कुल को तारना....!
बेटी, जीवन की आदि.अन्त....!
बेटी, मंदिर की साधु-संत....!
बेटी, गृहस्थ की पहली कड़ी.....!
बेटी, आनन्द की बेल चढ़ी......!
बेटी, दो कुटुम्ब की आधार-शान....!
बेटी, मधु-अमृत और सम्मान......!
बेटी सुख-दुःख की छाया.....!
बेटी, श्रृंगार की पेटी-माया...!
बेटी, सतरंगी इन्द्रधनुष...!
बेटी, सास की साजिश......!
बेटी, कोरा कागज ......!
बेटी, भव में जहाज.....!
बेटी, तेरा क्या?... हक है......?
यह पूछने वाले आप कौन है?


के0पी0सत्यम/ मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 933

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 8, 2013 at 8:52am

आ0 तनेजा जी,    जी!  जब एक मां अपना धर्म छोड़कर  स्वयं ही सास बनकर किसी बेटी की सांस रोक देती है तो इस अद्भुत आश्चर्य को साजिश नहीं तो और क्या कहूं?  आपके स्नेह और प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by Usha Taneja on May 7, 2013 at 7:42pm

आदरणीय  Kewal Prasad जी,

बहुत बढ़िया रचना!

बधाई. 

एक पंक्ति-

 बेटी, सास की साजिश......!

???

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 6, 2013 at 8:59pm

आ0कुशवाहा जी, आपके स्नेह के लिए बहुत बहुत हार्दिक आभार। सादर,

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 6, 2013 at 11:22am

वास्तव में हक पूंछने का अधिकार नहीं 

शानदार प्रस्तुति 

बधाई 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 6, 2013 at 9:11am

आ0  रक्ताले सर जी,  आपका स्नेह और आशीष पाकर मन गदगद हो जाता है।  आपके स्नेह के लिए तहेदिल से हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 6, 2013 at 8:47am

आदरणीय केवल प्रसाद जी सादर बेटी के घर में होने के अर्थ को समग्र रूप से दर्शाने का सफल प्रयास. अंत में बेटी के हक़ पर सवाल उठाना सुखद लगा. सादर बधाई स्वीकारें.

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 5, 2013 at 9:28pm

आ0 लड़ीवाला जी, बेटी तो अनमोल असंख्य रत्नों की एक माला है। बेटी के पक्ष में आपका समर्थन उसके लिए सम्मान है। आपका स्नेह और आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया। आपका तहेदिल से हार्दिक आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 5, 2013 at 9:25pm

आ0 विजय निकोर जी, बेटी तो अनमोल असंख्य रत्नों की एक माला है। बेटी के पक्ष में आपका समर्थन उसके लिए सम्मान है। आपका आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया। आपका तहेदिल से हार्दिक आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 5, 2013 at 9:22pm

आ0 मनोज जी, बेटी तो अनमोल असंख्य रत्नों की एक-एक माला है। बेटी के पक्ष में आपका समर्थन उसके लिए सम्मान है। आपका तहेदिल से हार्दिक आभार। सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 5, 2013 at 9:14pm

आ0 कुन्ती जी, जी मैम! बेटी तो अनमोल असंख्य रत्नों की एक-एक माला है। आपका आशीर्वाद पाकर मैं धन्य हो गया। आपका तहेदिल से हार्दिक आभार। सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service