For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रुसवाईयां ही रुसवाईयां
दूर तलक गम की
कोई ख़ुशी नही है अब
चैन कहाँ मिले...

परछाईयां ही परछाईयां
हर वक़्त अतीत की
कोई  भोर नही है अब
रोशनी कहाँ मिले...

अंगड़ाईयां ही अंगड़ाईयां
रोज एक थकन की
कोई आराम नही है अब
कहाँ शाम ढले...

तन्हाईयां ही तन्हाईयां
इस अकेलेपन की
कोई साथ नही है अब
जीना है अकेले...


न ख़ुशी न सुकून
न आराम
न साथ किसी का
फिर भी जिए जा रहा हूँ....

जितेन्द्र ' गीत'
(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 772

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on September 1, 2013 at 12:54am

बिभिन्न रंग जीवन के झलके ...सुन्दर रचना ..समय सब कुछ बदल देता है

जय श्री राधे
भ्रमर ५

Comment by vijayashree on August 31, 2013 at 11:53pm

मौसम आये मौसम जाये 

मन को भाये न भाये  

चलते तो रहना ही है 

साथ कोई आये न आये 

सुंदर भावपूर्ण रचना 

बधाई स्वीकारें जितेन्द्र जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 31, 2013 at 11:08pm

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय अरविन्द जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 31, 2013 at 11:07pm

बड़ी ख़ुशी मिलती है आपकी उत्साह बढाती प्रतिक्रिया से, आदरणीय डा. आशुतोष जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 31, 2013 at 11:03pm

आपको रचना के भाव पसंद आये, रचना सार्थक हुयी, आदरणीया विनीता जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 31, 2013 at 11:01pm

आपकी उत्साहबर्धक प्रतिक्रिया , लेखनकर्म का मनोबल बदती है आदरणीया अन्नपूर्णा जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 31, 2013 at 10:58pm

आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय श्याम नारायण जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 31, 2013 at 10:57pm

 आपने सच कहा जीवन निरन्तरता का ही नाम है , रचना पर आपकी प्रतिक्रिया, रचना को सार्थकता का प्रमाण देती है आपका बहुत बहुत

आभार, आदरणीया डा. प्राची जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 31, 2013 at 10:44pm

बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय गिरिराज जी

सादर!

Comment by ARVIND BHATNAGAR on August 31, 2013 at 8:49pm

एक हल्की सी उदासी लिए खूबसूरत सी रचना... अच्छी लगी... शुभ कामनाएँ.......

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
46 minutes ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
48 minutes ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
48 minutes ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
52 minutes ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
54 minutes ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
55 minutes ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
2 hours ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
2 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service