For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - खोल शिखा फिर आन करें हम

मात्रा भार - 222 ,222 ,22



खोल शिखा फिर आन करें हम  

आज गरल का पान करें हम। 

ज्वालाओं के धनुष बना कर 
लपटों का संधान करें हम।  

 

अंगारों सा धधक रहा उस 

यौवन पर अभिमान करें हम।  

अँधियारा  जब छा जाये  तो  

खुद को ही दिनमान करें हम। 

समिधाओं से राख उड़ी है 

आहुति का आह्वान करें हम।

अपना कौन पराया कितना  

अब उनकी पहिचान करें हम।  

कर कौन रहा कल की चिंता 

कल का भी कुछ ध्यान करें हम।

-ललित मोहन पंत 

0021 रात 

30. 10 . 13  

"मौलिक  व  अप्रकाशित "

    

Views: 933

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on October 30, 2013 at 8:21pm

खोल शिखा फिर आन करें हम  

आज गरल का पान करें हम। 

ज्वालाओं के धनुष बना कर 
लपटों का संधान करें हम।  

 

अंगारों सा धधक रहा उस 

यौवन पर अभिमान करें हम।  

अँधियारा  जब छा जाये  तो  

खुद को ही दिनमान करें हम। ////शब्दों का अद्भुत प्रयोग   ////// बहुत बहुत  बधाई भाई ललित  जी। .

Comment by savitamishra on October 30, 2013 at 7:23pm

sundar

Comment by dr lalit mohan pant on October 30, 2013 at 6:55pm

आदरणीय विजय मिश्र जी Kavi Devendra Pandey जी  annapurna bajpai जी , मेरे जैसे नवांकुर के प्रयास पर  आप सब की  स्नेह वर्षा के प्रति में कृतज्ञ हूँ  … पुनः आभार 

Comment by annapurna bajpai on October 30, 2013 at 6:36pm

बहूत सुंदर रचना , बहुत बधाई आपको आ0 ललित मोहन जी । 

Comment by Devendra Pandey on October 30, 2013 at 5:25pm

BAhut Sundarrrrrrrr

Comment by विजय मिश्र on October 30, 2013 at 4:36pm
दूरगामी सोच को लेकर एक उदेश्य को दृष्टि रख लिखी गई गज़ल किसी यग्य अनुष्ठान के आह्वान को चिह्नित करती बढ़ी है .सोदेश्य रचनाओं की तृप्ति ही अनोखी होती है . दीपावली की अनेक शुभकामना और इस सार्थक रचना के लिए ढ़ेरों बधाई .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
56 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
3 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service