For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

22122

लाचार हो क्या?

सरकार हो क्या?

छुट्टी पे छुट्टी,

इतवार हो क्या?

छूते ही ज़ख़्मी,

औजार हो क्या?

बेचा है खुद को,

बाज़ार हो क्या?

तारीफ कर दूँ,

अशआर हो क्या?

खुद से ही बातें,

बीमार हो क्या?

*****************

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 762

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on July 20, 2014 at 2:39pm

हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी। … सादर

Comment by ram shiromani pathak on July 20, 2014 at 2:39pm

हार्दिक आभार आदरणीय भुवन जी। … सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 23, 2014 at 3:04am

ग़ज़ब ! मज़ा आगया, राम शिरोमणि जी. कहन में सान्द्रता अच्छी लगी.

Comment by भुवन निस्तेज on May 16, 2014 at 12:11am

इसे कहते है गागर में सागर, बधाई कबूल करे.

Comment by ram shiromani pathak on May 15, 2014 at 5:11pm

उत्साह वर्धन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय आशुतोष   जी। …    सादर 

Comment by ram shiromani pathak on May 15, 2014 at 5:11pm

उत्साह वर्धन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज  जी। …    सादर 

Comment by ram shiromani pathak on May 15, 2014 at 5:10pm

उत्साह वर्धन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय गणेश   जी। …    सादर 

Comment by ram shiromani pathak on May 15, 2014 at 5:09pm

बहुत बहुत आभार भाई अरुण शर्मा  जी। …    सादर 

Comment by ram shiromani pathak on May 15, 2014 at 5:09pm

बहुत बहुत आभार भाई जीतेन्द्र जी। …    सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 14, 2014 at 1:57pm

आदरणीय राम जी ..इतने छोटी बहर पे जिस शानदार तरीके से आपने ग़ज़ल लिखी है केबिले तारीफ़ है ..हर शेर बेहतरीन है ..आपको इस शानदार रचना के तहे दिल बधाई ..सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . संबंध

दोहा सप्तक. . . . संबंधपति-पत्नी के मध्य क्यों ,बढ़ने लगे तलाक ।थोड़े से टकराव में, रिश्ते होते खाक…See More
24 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"अगर ये ग़ज़ल बेकार है आदरणीय अमित जी तो कुछ सुझाव दे दीजिए आप कुछ सुझाव दे दीजिए सादर"
37 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
55 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
55 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
55 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
56 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय Aazi Tamaam जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। २१२२ १२१२ २२ यूँ…"
56 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीया सादर"
56 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
57 minutes ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आप कुछ सुझाव दे दीजिए आदरणीय हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
1 hour ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"जी मैं पहले मुशायरे में हर बार आता था थोड़ी बहुत शायरी मैंने यहीं सीखी  लेकिन अब तरही ग़ज़ल नहीं…"
1 hour ago
मनोज अहसास replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"हार्दिक आभार आदरणीय सादर"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service