For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहे --मीना पाठक

हे भगवन वर दीजिए, रहे सुखी संसार |
घर परिवार समाज पे, बरसे कृपा अपार ||


दीन दुखी कोई न हो, ना सूखे की मार |
अम्बर बरसे प्रेम से, भरे अन्न भण्डार ||

कृपा करो हे शारदे, बढ़े कलम की धार |
अक्षर चमके दूर से, शब्द मिले भरमार ||

बेटी सदन की लक्ष्मी, मिले उसे सम्मान |
रोती जिस घर में बहू, होती विपत निधान ||

मीना पाठक 
मौलिक अप्रकाशित 

(दोहों पर एक छोटा सा प्रयास है )

Views: 902

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on June 28, 2014 at 8:16pm

आदरणीय विजय प्रकाश जी ..आदरणीय रवि प्रभाकर जी ..आदरणीया महेश्वरी जी ..प्रिय अन्नपूर्णा जी आप सभी का बहुत बहुत आभार | सादर 

Comment by Meena Pathak on June 28, 2014 at 8:08pm

आदरणीय सुशील जी मर्गदर्शन हेतु हृदयतल से आभार.. क्षमा मांग कर शर्मिंदा न करे आप सब से ही सीख रही हूँ | सादर 

Comment by Meena Pathak on June 28, 2014 at 8:03pm

आदरणीय विजय  शंकर जी आभार स्वीकारें | सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 28, 2014 at 1:31pm

आदरणीया मीना जी ..मानव मात्र के कल्याण की कामना करते इन तमाम शसक्त दोहों के लिए तहे दिल बधाई सादर 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 27, 2014 at 11:24am

आ0 मीना बहन सुख समृ़द्व की कामना करते इन इनमोल दोहों के लिए कोटि कोटि नमन ।

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 26, 2014 at 11:59pm

बहुत ही सुंदर दोहावली, बधाई आदरणीया मीना दीदी

Comment by coontee mukerji on June 26, 2014 at 9:57pm

मीना जी, आपके लिखे दोहे बहुत सुंदर है. पढ़कर अच्छा लगा.....जैसे विद्व जनों ने कहा है. जाँज कर लिजियेगा. सादर

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 26, 2014 at 12:35pm

मीना जी

मेरे दो सुझाव है i कृपया इन्हें अन्यथा न लीजियेगा i  पहले दोहे के दोनों सम छंदों में  सुखी और सुक्ख का प्रयोग कुछ खटकता है i फिर सुक्ख  तो गढ़ंत शब्द है i यहाँ पर 'कृपा' शब्द चल सकता है i  दूसरी बात 'बेटी घर की लक्ष्मी' में एक मात्रा  कम है i आपका दोहा-कृपा करो हे शारदे --- ' अति उत्तम है i सादर महनीया i

Comment by Pragya Srivastava on June 26, 2014 at 8:11am
अति सुंदर आ०मीना पाठक जी
Comment by नादिर ख़ान on June 25, 2014 at 9:52pm

बहुत उम्दा दोहे है, आदरणीय मीना पाठक जी ढेरों शुभकामनायें ...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
yesterday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service