For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रक्षाबंधन (लघुकथा)

“छोटी आज सुबह से ही सज धज कर बैठी थी, उसने बहुत ही सुन्दर राखी खरीद कर पहले ही रख ली थी, थाली में रोली, चावल, दीया- बाती और मिठाई सजा कर बैठी थी, आज कई दिनों बाद उसका राजा भईया आ रहा था, आज ‘रक्षाबंधन’ जो था !”

“तभी उसके मोबाइल फ़ोन की घंटी बजी ,एक एस.ऍम.एस था.. “हे छोटी ,हैप्पी रक्षाबंधन टू यू”, सॉरी आज नहीं आ पाऊंगा तुम्हारी भाभी को लेकर ससुराल आ गया हूँ , मॉम, डैड को हेलो कहना , लव यू बाय !”

“छोटी ने लैपटॉप उठाया ,एक अटैचमेंट बनाया ,मेल किया , भाई को एस.ऍम.एस किया “भईया, राखी मेल में भेज दी है ,प्रिंटआउट निकाल कर बाँध लेना , लव यू टू !”

“ इधर मिठाई मैं न जाने कहाँ से चीटियाँ आ गयीं थी !”

 

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित”       

Views: 1237

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on February 8, 2015 at 10:33am

आदरणीया वंदना जी इस लघुकथा पर आपकी प्रतिक्रिया ,प्रोत्साहन के लिए आपका हार्दिक  धन्यवाद ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on February 8, 2015 at 10:31am

आदरणीया राजेश कुमारी जी ,आपकी बधाई सहर्ष शिरोधार्य है. आपका ह्रदय से आभार, स्नेह व् आशीर्वाद बनाये रखियेगा ,सादर!

Comment by Hari Prakash Dubey on February 8, 2015 at 10:28am

आदरणीय अनुराग गोयल जी ,इस लघुकथा पर आपकी प्रतिक्रिया ,प्रोत्साहन के लिए आपका धन्यवाद !

 

Comment by Hari Prakash Dubey on February 8, 2015 at 10:25am

आदरणीय खुर्शीद खैरादी साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद !

Comment by Hari Prakash Dubey on February 8, 2015 at 10:22am

आदरणीय गुमनाम भाई आपका  हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ ,हार्दिक धन्यवाद !

Comment by Hari Prakash Dubey on February 8, 2015 at 10:21am

आदरणीय वीरेन्द्र वीर मेहता जी , आपका बहुत बहुत धन्यवाद !

Comment by Hari Prakash Dubey on February 8, 2015 at 10:20am

आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया सर, आपके प्रेरणादायक शब्दों के लिए आपका हार्दिक आभार ! सादर

Comment by Hari Prakash Dubey on February 8, 2015 at 10:19am

आदरणीय गिरिराज भंडारी सर,आपकी उत्साहवर्धक और प्रेरणादायी टिप्पणी के लिए हृदय से धन्यवाद , सादर ।

Comment by Hari Prakash Dubey on February 8, 2015 at 10:18am

आदरणीया सविता मिश्रा जी, रचना की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on February 8, 2015 at 10:17am

आदरणीय विश्व राज सिंह राठौर जी, आपका  बहुत बहुत धन्यवाद  ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाशजी  दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । छंद पर आपका प्रयास सराहनीय…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । खिल उठता है बुझा हुआ मन, आते जब…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी चित्रानुकूल बहुत सुन्दर छंद सृजन। हार्दिक बधाई "
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह...दीपोत्सव के हर आयाम को समेट लिया है आपके इस गीत ने।अंतिम छंद का भाव बहुत सार्थक। हार्दिक बधाई…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी एस टी का जिक्र रोचक बन पड़ा है। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, दीपावली अन्नकूट भाई दूज और छठ की शुभकामनाएँ । सरसी छंद की बीस पंक्तियों के लिए…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ हर बरस हर नगर में होता, अरबों का व्यापार।         …"
3 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  ______ जगमग दीपों वाला उत्सव,उत्साहित बाजार। जेब सोच में पड़ी हुई है,कैसे पाऊँ…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"चार पदों का छंद अनोखा, और चरण हैं आठ  चौपाई औ’ दोहा की है, मिली जुली यह ठाठ  विषम…"
13 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद * बम बन्दूकें और तमंचे, बिना छिड़े ही वार। आए  लेने  नन्हे-मुन्ने,…"
23 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" प्रात: वंदन,  आदरणीय  !"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service