For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“अम्मा हो सकता है कि पुलिस आपसे भी पूछताछ करे I आपको बस इतना कहना है कि मै तो हफ्ते भर पहले ही आई हूँ यहाँ , कुछ ज्यादा नहीं जानती और .."  बेटा बोले जा रहा था पर सुमित्रा जी का दिमाग़ सुन्न था I

बेटे के यहाँ काम करने वाली बाई सीता ने कल रात पति से झगडे के बाद फाँसी लगा ली थीI

सुमित्रा जी दस दिन पहले ही बेटे के पास मुंबई आई थीं I  बेटे बहू के काम पर जाने के बाद सीता के साथ सुख दुःख की बातें चलती रहती थीं उनकीI परसों  बहू ने समझाया कि बाई से काम के अलावा ज्यादा बात चीत नहीं किया करें I बड़े शहर में ये सब नहीं चलता I

“क्या हुआ अम्मा ?आपको समझ आया जो इन्होने समझाया ?” बहू  ने कंधे झंक्झोरे उनके I

“हाँ ..हाँ वो .वो सीता दो दिन से परेशान लग रही थी “  सुमित्रा जी अपने में  बुद्बुदानें  लगीं:

“अगर मै पूछ लेती कि क्या हुआ .तो..तो शायद ..”I

मौलिक व् अप्रकाशित

Views: 702

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by pratibha pande on July 1, 2016 at 7:20pm

हार्दिक आभार आदरणीय मुनीश तनहा जी 

Comment by pratibha pande on July 1, 2016 at 7:19pm

 हार्दिक आभार आदरणीया नीता जी 

Comment by pratibha pande on July 1, 2016 at 7:18pm

सही कह रहे हैं आप  ,आत्महत्या करने के पहले इंसान  परोक्ष अपरोक्ष रूप में मदद की गुहार अवश्य करता है और वो गुहार सुनने पर कुछ जानें बच भी सकती हैं   हार्दिक आभार आपका ,रचना पर आकर उत्साहवर्धन करने के लिए  आदरणीय उस्मानी जी 

Comment by pratibha pande on July 1, 2016 at 7:14pm

स्नेहिल हौसला अफजाई के लिए हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी 

Comment by pratibha pande on July 1, 2016 at 7:13pm

हार्दिक आभार आदरणीय हर्ष महाजन जी 

Comment by pratibha pande on July 1, 2016 at 7:12pm

हार्दिक आभार प्रिय राहिला जी रचना पर आकर उत्साहवर्धन करने के लिए 

Comment by pratibha pande on July 1, 2016 at 7:11pm

आपको रचना पसंद आई ,मेरा लिखना सार्थक हुआ आपके स्नेहिल अनुमोदन के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी 

Comment by pratibha pande on July 1, 2016 at 7:07pm

  रचना के अनुमोदन व् उत्साहवर्धन  के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी 

Comment by munish tanha on June 30, 2016 at 8:45am

बहुत अच्छी सटीकशब्दों का प्रयोग इसे प्रभावशाली बनाता है बधाई स्वीकार करें 

Comment by Nita Kasar on June 28, 2016 at 12:44pm
वे भी इंसान है जो हमारी सहायता करते है फिर दोयम दर्जे का व्यवहार क्यों ?काश अम्माँ जी पूछ लेती तो वह इरादा बदल सकती थी ।संवेदनशील कथा के लिये बधाई आद० प्रतिभा पांडे जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"आ. भाई आजी तमाम जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post काश कहीं ऐसा हो जाता
"आदरणीय अमन सिन्हा जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर। ना तू मेरे बीन रह पाता…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
"आदरणीय दिनेश कुमार जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। इस शेर पर…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई। गौरैया के झुंड का, सुंदर सा संसार…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post यह धर्म युद्ध है
"आदरणीय अमन सिन्हा जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
11 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service