For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुझे याद है

जानबूझ कर वो मेरा सामान भूल जाना....
ज़ोर देकर तुमने

जिसे  कहा बार बार कि ले जाना ...
कि इसी बहाने

चोरी से तुम उसे रख दोगी...
और मुझे फिर

एक बहाना मिल जाएगा

इस तरह मुस्कुराने का....


मौलिक और अप्रकाशित।

Views: 602

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ASHUTOSH JHA on January 8, 2017 at 2:59am
Vijay nikore जी, बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय।
Comment by vijay nikore on January 7, 2017 at 9:55pm

 वाह ! बहुत ही सुन्दर भाव । हार्दिक बधाई।

Comment by ASHUTOSH JHA on January 7, 2017 at 1:39am
आदरणीय सुशील सरना जी हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया।
Comment by ASHUTOSH JHA on January 7, 2017 at 1:35am
आदरणीय महेंद्र कुमार जी आपका बहुत बहुत हार्दिक अभिनंदन।
Comment by ASHUTOSH JHA on January 7, 2017 at 1:34am
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आपका अत्यंत हार्दिक आभार।
Comment by ASHUTOSH JHA on January 7, 2017 at 1:31am
आदरणीय डॅा.आशुतोष मिश्रा जी आपका बहुत बहुत आभार।
Comment by Sushil Sarna on January 6, 2017 at 4:09pm

वाह आदरणीय बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण क्षणिक का सृजन हुआ है। हार्दिक बधाई। 

Comment by Mahendra Kumar on January 6, 2017 at 3:35pm
आदरणीय आशुतोष जी, इस बढ़िया क्षणिका के लिए आपको हार्दिक बधाई। सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 6, 2017 at 2:11pm

आदरणीय आशुतोष भाई , मधुर यादों भरी क्षणिका के लिये हार्दिक बधाई ।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 6, 2017 at 9:36am
इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"निशा स्वस्ति "
11 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"उस्ताद-ए-मुहतरम आदरणीय समर कबीर साहिब की आज्ञानुसार :- "ओबीओ लाइव तरही मुशायरा" अंक 168…"
11 hours ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय हौसला बढ़ाने के लिए बेहद शुक्रिय:।"
12 hours ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय ग़ज़ल तक आने तथा हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
12 hours ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी ग़ज़ल पर आने तथा इस्लाह देने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय फिर अन्य भाषाओं ग़ज़ल कहने वाले छोड़ दें क्या? "
12 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"गुरु जी जी आप हमेशा स्वस्थ्य रहें और सीखने वालों के लिए एक आदर्श के रूप में यूँ ही मार्गदर्शक …"
12 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"//मेरा दिल जानता है मैंने कितनी मुश्किलों से इस आयोजन में सक्रियता बनाई है।// आदरणीय गुरुदेव आप…"
12 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें आ अमीर जी की इस्लाह भी ख़ूब हुई"
12 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"सभी गुणीजनों की बेहतरीन इस्लाह के बाद अंतिम सुधार के साथ पेश ए ख़िदमत है ग़ज़ल- वाक़िफ़ हुए हैं जब…"
12 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"//उर्दू ज़बान सीख न पाए अगर जनाब वाक़िफ़ कभी न होंगे ग़ज़ल के हुनर से हम'// सत्यवचन गुरुदेव। सादर…"
12 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service