(१) यमुना साहित्य चर्चा (गणेश जी "बागी") |
साथियों !
अब तक ज्ञात जानकारी के अनुसार दुनिया की सबसे छोटी कविता "हाइकु" कही जाती थी जिसका सूत्रपात जापान से हुआ, इसमें कुल तीन पक्तियों में ५+७+५=१७ अक्षर में कविता लिखी जाती है |
किन्तु अब सिर्फ ११ अक्षरों में एकादशी कविता लिख कर श्री गणेश जी "बागी" ने साहित्य की नई विधा का सृजन कर दिया है | ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार इस उपलब्धि पर गौरवान्वित है | आप सभी को बहुत बहुत बधाई | |
Comment
आदरणीय गणेश "बागी" जी
बहुत खूब .... बहुत खूब ...! मन खुश हो गया आपकी ये रचना पढ़ के !
मुझे एक प्यारा सा शीर्षक और भी सूझ रहा है इसका
इसे "देसी सीर्सक" भी कह सकते है
"एक आध सी "
सादर वेदिका
आदरणीय राजेशझा जी, पोस्ट में ही सबकुछ लिखा है. गणेश भाई के इस सकारात्मक कृत्य पर ओबीओ गौरवान्वित है.
पुनः बधाई, गणेशभाई.. .
आदरणीय बागी जी ,नमस्कार
बहुत -२ बधाइयाँ आपको “ एकादशी “ विधा के नव सृजन के लिए
संदीप भाई , शुभकामना हेतु बहुत बहुत धन्यवाद |
आदरणीय राजेश कुमार झा जी, एकादशी विधा के सम्बन्ध में विवरण रचना पृष्ठ पर ही दाहिने तरफ दिया गया है | पुनः बताना चाहूँगा कि एकादशी विधा शास्त्रीय विधा नहीं है बल्कि मेरे द्वारा किया गया एक अदना सा प्रयास है | यह कविता केवल तीन पक्तियों में लिखी जाती है, प्रथम पक्ति में ३, द्वितीय में ५ और तृतीय में ३ वर्ण होने चाहिए, आधा वर्ण की गिनती नहीं होती, पक्तियां तुकांत या अतुकांत दोनों हो सकती हैं, साथ ही तीनों पक्ति स्वतंत्र होनी चाहिए अर्थात एक ही वाक्य को तीन भाग में नहीं तोड़ना है | ३+५+३ = ११ वर्ण में आपकी बात पूर्ण होनी चाहिए |
आशीर्वाद हेतु कोटिश : धन्यवाद आदरणीय लडिवाला जी |
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारी जी |
बहुत बहुत धन्यवाद , प्रिय संदीप द्विवेदी भाई |
सराहना एवं प्रतिक्रिया एकादशियों हेतु बहुत बहुत आभार प्रिय विन्ध्येश्वरी प्रसाद जी |
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