स्वार्थ बाधित
अहिंसा का अस्तित्व
पशुतावाद
**
हिंसा सिखाती
है स्वार्थलोलुपता-
वेदनाहीन
**
हिंसा की धाक
गांधीगीरी मज़ाक
व्यापारिकता
***
सह-अस्तित्व
हिंसा-आधुनिकता
धन-प्रभुत्व
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लुप्त अस्तित्व
अहिंसात्मक तत्व
स्वार्थी मंतव्य
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बहुरूपिया
जीव-निर्जीव-हिंसा
क्षुब्ध अहिंसा
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हिंसा के वार
येन-केन-प्रकार
स्वार्थ-उद्धार
**
सदा सार्थक
गांधीवादी विचार
विश्व-उद्धार
(मौलिक व अप्रकाशित)
Comment
इन रचनाओं पर भी समय देकर मेरी हौसला अफ़ज़ाई हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय समर कबीर साहिब और आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' साहिब।
आद0 समर साहब सादर प्रणाम। कल लघुकथा उत्सव के दौरान प्रतिक्रिया देते समय जब इस ब्लॉग पर आया तो भूलवश लघुकथा लिख दिया जबकि ऐसा आभास था कि यह हाइकू है। आपका सादर आभार इस पर मेरा ध्यान आकृष्ट कराने के लिए। आगे से ध्यान रखूँगा।
जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,अच्छे हाइकू लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
सुरेन्द्र जी,ये लघुकथा नहीं हाइकू हैं ।
आद0 Sheikh Shahzad Usmani जी सादर अभिवादन। बढ़िया लघुकथा लिखी आपने। बधाई स्वीकार कीजिये।
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