कुछ चुटकियाँ ....
वो चाय क्या
जिसमें भाप न हो
वो नींद क्या
जिसमें ख्वाब न हो
.............
वो प्याला क्या
जिसमें शराब न हो
वो हिजाब क्या
जिसमें शबाब न हो
.......... ..........
वो किताब क्या
जिसमें गुलाब न हो
वो ख़्वाब क्या
जिसमें माहताब न हो
.....................
वो समर्पण क्या
जिसमें स्वीकार न हो
वो जीत क्या
जिसमें हार न हो
.........................
वो मौसम क्या
जिसमें बहार न हो
वो जीवन क्या
जिसमें प्यार न हो
सुशील सरना / 28-2-22
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