For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जो सच है वही दिखाता है आईना.
कहाँ -कहाँ दाग जिस्म पर, दिखलाता है आईना.
जो सच है वही दिखाता है आईना.
चेहरे भले बदलते हैं, पर बदले ना आईना.
राजा-रंक या ऊँच-नीच का, भेद ना माने आईना.
सच्चाई का एक धर्म ही, मानता है आईना.
जो सच है वही दिखाता है आईना.
चाहे कोई कुछ भी कर ले, झूठ कभी ना बोले.
बुरा लगे या भला लगे, ये भेद सभी का खोले.
चेहरा गर हो दागदार तो, शरमाता है आईना.
जो सच है वही दिखाता है आईना.
दिन भर में लाखों को उनका, चेहरा दिखलाता है.
कहाँ- कहाँ है दाग लगा,ये सबको दिखलाता है.
मापतपुरी दाग मिटाओ, तोड़ता क्यों आईना.
जो सच है वही दिखाता है आईना.
गीतकार- सतीश मापतपुरी
मोबाइल- 9334414611

Views: 509

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by asha pandey ojha on August 2, 2010 at 10:11am
bahut khoob Satish ji jo sach hai wahee diklata hai aaina .. our log jo sach nahee dekhna chahte wo aaina dekhna chhod deten hain ... kyonki sach se logon ko peeda jo hotee hai ... khair aapne bahut khoob likha .. daad dungee
Comment by Sanjay Kumar Singh on July 25, 2010 at 2:07pm
Bahut khub satish jee, aapney to aaina ko hi aaina dikha diya, khubsurat rachna,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on July 25, 2010 at 10:26am
जो सच है वही दिखाता है आईना.
कहाँ -कहाँ दाग जिस्म पर, दिखलाता है आईना.
जो सच है वही दिखाता है आईना.

बहुत ही बढ़िया रचना है सतीश भैया.....सही बात है जो सच है वही दिखता है आईना...हमे आईने से सीख भी लेनी चाहिए की जैसे आईना आपको हूबहू आपकी शकल दिखता है तो क्यू ना हम भी समाज मे जैसी अपनी सॉफ छावी को दिखाए.....
Comment by Rash Bihari Ravi on July 23, 2010 at 9:31pm
bahut badhia sathish bhai

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 22, 2010 at 9:45am
सतीश भईया बहुत ही सुंदर रचना, एक प्रसिद्ध गीत की पक्ति याद आती है आपकी रचना पढ़कर ---- आईना वही रहता है , चेहरे बदल जाते हैं,
हमारे साथ दिक्कत क्या है कि हम अपने को नहीं बदलते बल्कि आईना ही बदलने लगते हैं, बहुत सुंदर कृति , धन्यवाद,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
Saturday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Saturday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service