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कौरव पांडव मिल चीर खीचते ,
सदन खड़ी बेचारी द्रोपदी बनकर,
हाथ जोड़े लुट रही थी वो अबला,
कृष्ण ना दिखे किसी के अन्दर ,

चुनाव का चौपड़ है बिछने वाला ,
शकुनी चलेगा चाल,पासे फेककर,
खेलेंगे खेल दुर्योधन दुश्शाशन ,
होगा खड़ा शिखंडी भेष बदलकर,

हे!जनता जनार्दन अब तो जागो,
रक्षा करो कृष्ण तुम बनकर,
दिखाओ,तुम्हे भी आती है बचानी आबरू ,
"बागी" नहीं जीना शकुनी का पासा बनकर,

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Comment by asha pandey ojha on February 16, 2012 at 4:38pm

bahut gahrai hai  ek hunkaar bhi  ,, sahniy ko ahsan karne ka prtikaar bhi 

Comment by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on August 11, 2010 at 3:31pm
अति सुन्दर ... जनता जनार्दन पर विश्वास कायम रखो गणेश जी सब ठीक होगा
Comment by आशीष यादव on July 26, 2010 at 2:02pm
Jb sansad ne jhagda shuru ho jat ba t janta ke jhagda kaise chhuti. Ego hamar gaon ba. Ka batai halat. Har saal aashadh sawan me thana faudari shuru ho jat rahal pani ke nikasi khatir. Bhagwan se na dekh gaeel, 2 saal se buniye na parat ba. Ab kahe k jhagada. Ab pta chalat ba logan ke. Aisahi sansad me bhi kauno prakop awashya aai tbe ee logan me sudhar hoi. Sansad se badh ke ka ba jaha ki desh ke bhawishya khatir bichar howe ke chahi juta chappal chalat ba. Bahut badhiya kawita ba.
Comment by Sanjay Kumar Singh on July 25, 2010 at 2:06pm
Aaj ki Rajniti ka behtar chitran, badhiya kavita hai, thanks Bagi jee,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on July 25, 2010 at 10:22am
कौरव पांडव मिल चीर खीचते ,
सदन खड़ी बेचारी द्रोपदी बनकर,
हाथ जोड़े लुट रही थी वो अबला,
कृष्ण ना दिखे किसी के अन्दर ,

बहुत सही गणेश भैया....ये नेता लोग एक तरह से देखे तो सब के सब पागल हो गये हैं....इनको ना तो देश की कोई चिंता है और ना ही हमारे देश के संविधान की कोई इज़्ज़त है इनके दिल मे.....
मेरी राय मे तो ऐसे नेताओं को बीच चौराहे पर एक लाइन से खड़ा करके या तो गोली मार देनी चाहिएया बीच चौराहे पर ही फासी देनी चाहिए...

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 24, 2010 at 8:58pm
आदरणीया गुड्डो दादी, नीलम दीदी,आदरणीय सतीश भईया, रवि कुमार गुरु जी,मित्र अमरेन्द्र जी, छवि चौरसिया जी , मेराज जी , आनंद जी, सतेन्द्र भाई और विवेक मिश्रा जी आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने अपने कीमती समय से कुछ पल निकालकर मेरा उत्साहवर्धन किये,
Comment by विवेक मिश्र on July 24, 2010 at 8:45pm
baah re ganesh bhai... garda uda dele baani raua ta. upar se photu bhi ekdam matching waala laagal ba. dekhal jaau.. shayad e kavita ke maadhyam se raur baat e neta log ke kaan mein pahunch jaaye..
Comment by Satyendra Kumar Upadhyay on July 24, 2010 at 5:57pm
Hamare desh ki yahi vidambana hai, kya kare aise logo se hi ham sharmashar ho rahe hain
Comment by Rash Bihari Ravi on July 23, 2010 at 9:18pm
sir ji kamal kar rahe hain
Comment by satish mapatpuri on July 23, 2010 at 3:33pm
चुनाव का चौपड़ है बिछने वाला ,
शकुनी चलेगा चाल,पासे फेककर,
खेलेंगे खेल दुर्योधन दुश्शाशन ,
होगा खड़ा शिखंडी भेष बदलकर,

हे!जनता जनार्दन अब तो जागो,
रक्षा करो कृष्ण तुम बनकर,
दिखाओ,तुम्हे भी आती है बचानी आबरू ,
"बागी" नहीं जीना शकुनी का पासा बनकर,
बहुत ही यथार्थ चित्रण है, धन्यवाद.

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