मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हँसती है I
प्रेम - जाल मैं डाल के थक गया, पर कुड़ी नहीं फंसती हैI
रहती है मेरे पड़ोस में वो, कुछ चंचल कुछ शोख है वो I
ना गोरी - ना काली है, सांवली है मतवाली है I
झील सी गहरी आँखें हैं , ज़ुल्फ़ यूँ काली रातें हैं I
लहरों जैसी बल खाती, दुल्हन जैसी शरमाती I
चेहरा चाँद है पूनम का, होंठ सुमन है उपवन का I
नाम है उसका नील कमल, वो है ज़िंदा ताजमहल I
साँसें मेरी थम जाती, जब थम - थम कर वो चलती है I
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हँसती है I
आती है वो ख़्वाबों में , दिखती है वो किताबों में I
अपना ही दिल जेल हुआ , इम्तहान में फेल हुआ I
छा गयी दिल पर बादल सा, हो गया मैं कुछ पागल सा I
प्रेम-अस्त्र का वार किया, हाले दिल इजहार किया I
ना सोचा - ना देर किया, ख़त खिड़की में फेंक दिया I
तब से वो खिड़की हरजाई,नहीं दुबारा खुलती है I
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले-हौले हँसती है I
सुबह-सबेरे जागता हूँ , दिन भर पीछे भागता हूँ I
गली में उसकी घुमता हूँ, चौखट उसकी चूमता हूँ I
दिन भर मुंह चलाती है, मुझ पर तरस न खाती है I
एक दिन उसने बुलवाया, लाल लिफाफा पकड़ाया I
मन-मयूर मेरा झूम गया , पढ़ा तो माथा घूम गया I
सनम ने क्या एवार्ड दिया , अपनी शादी का कार्ड दिया I
अब मुझको जो देखती है, तो मुंह दबा कर हँसती है I
मुझे देखके एक लड़की, बस हौले-हौले हँसती है I
गीतकार ----सतीश मापतपुरी
Comment
बहुत - बहुत शुक्रिया गणेशजी .................. आपको यह रचना पसंद आई, मेरा श्रम सार्थक हुआ.
आशीष जी, सराहना के लिए धन्यवाद
ohhhhho.
ant me ye kya kar diya. hahahaha
wakai majedaar geet. congrats
एक दिन उसने बुलवाया, लाल लिफाफा पकड़ाया I
आय हाय हाय, वाह सतीश भईया वाह, क्या खूब रची है, खुबसूरत गीत, लाल लिफाफा वाला मंजर तो वाकई मजेदार और इस रचना की जान है | बधाई स्वीकार करें |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online