For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नहीं आऊंगी ( धारावाहिक कहानी)

 

नहीं आऊंगी ( धारावाहिक कहानी)

लेखक - सतीश मापतपुरी

--------------- अंक - तीन  ---------------------

वह बड़ी हो चुकी थी. सदैव की भाँती एक दिन वह आकर मेरे बगल में बैठ गयी . मैं कुछ परेशान था .

"मुझसे नाराज है अंकल?" उसने पूछा .

"नहीं तो . सर में हल्का दर्द है ."  मैंने यूं ही उसे टालने के ख्याल से कह दिया था . वह मेरा सर दबाने लगी थी अचानक उसकी मां मेरे कमरे में चली आयी . उनके माथे पर आ रहे शिकन इस बात के प्रमाण थे की शालू की उपस्थिति और उसका यह व्यवहार उन्हें अच्छा नहीं लगा था . मां को देखते ही शालू उठकर चली गयी . दूसरे दिन न तो वो मेरे कमरे में आयी और न ही मुझे कहीं दिखाई पड़ी . जब शाम को संजीव मेरे पास आया तो मैं शालू  के सम्बन्ध में उससे पूछा और उसका जवाब सुनकर मुझे यूँ लगा जैसे किसी ने सरे बाजार मुझे नंगा कर दिया हो . बात की गंभीरता से अनभिज्ञ बालक बोला " मां ने शालू  दीदी को मना किया है की वह न तो आपसे ज्यादा बातचीत करे और न आपके पास आये ." मेरी अंतरात्मा में हलचल मच गयी . मैनें उसी क्षण निश्चय कर लिया कि जैसे भी हो शालू से अपना सम्बन्ध तोड़ लूंगा . दो दिनों तक न तो वह मेरे पास आयी और न ही मैं उससे मिला . तीसरे दिन जब मैं एक पत्रिका के अनुरोध पर उसके लिए निबंध लिख रहा था अचानक शालू मेरे बगल में आकर बैठ गयी . मैं घबड़ा गया .कल तक शालू के साथ घंटों कहकहे लगाने वाला दिल बगल में उसके बैठ जाने मात्र से बुरी तरह धड़क उठा .

"शालू , तुम्हे यहाँ नहीं आना चाहिए था ." बिना उसकी तरफ देखे ही मैंने कहा .

"मुझसे नाराज है अंकल? " अपने हाथ से मेरा मुंह अपनी तरफ घुमाते हुए उसने पूछा .

"जब तुम्हारी मां मना करती है तो फिर यहाँ आने की क्या जरूरत है?"

"अंकल, मैं तो यहाँ पहले भी आती थी, मां अब मना क्यों करती हैं? "

"मुझे क्या मालूम ." मैंने काफी रुखाई से कहा ."

"इतनी जल्दी मुझे भूल गए अंकल किन्तु , मैं आपको कैसे भूल सकती हूं " मैनें देखा ,उसकी आँखों में अश्कों का सैलाब उमड़ पड़ा था .    ......................... (क्रमशः)

Views: 370

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by satish mapatpuri on October 12, 2011 at 12:08am
आदरणीय सौरभ जी एवं अरुण जी, हौसला अफजाई के लिए शुक्रिया
Comment by Abhinav Arun on October 2, 2011 at 1:27pm

बढियां ज़मीन तैयार हुई है सतीश जी शानदार शुरुआत ... उत्कंठा बनी है ... बधाई और शुभकामनाएं !!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 2, 2011 at 12:23pm

भाई सतीशजी, कहानी ने पूरा ग्रिप पकड़ रखा है. बहुत अच्छे.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
5 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
10 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
12 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
14 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी आदरणीय यही कि जिस मुक़द्दमे का इतना चर्चा था उसमें हारने वाले को सज़ा क्या हुई उसका भी चर्चा…"
15 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। सुझावों के बाद यह और बेहतर हो गयी है। हार्दिक बधाई…"
40 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"वक़्त बदला 2122 बिका ईमाँ 12 22 × यहाँ 12 चाहिए  चेतन 22"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ठीक है पर कृपया मुक़द्दमे वाले शे'र का रब्त स्पष्ट करें?"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी  इस दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत…"
4 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आपका"
4 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
4 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service