त्यागपत्र (कहानी)
लेखक - सतीश मापतपुरी
-------------- अंक - 4 --------------- '
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मैं कुछ समझा नहीं ..' प्रबल बाबू के माथे पर बल पड़ गए थे. उनकी इस असहज स्थिति का लाभ उठाने में उमाकान्त जी ने कोई कसर नहीं छोड़ी. अपने सपाट से चेहरे पर कुटिल मुस्कान लाते हुए उन्होंने तत्क्षण कहा - 'यही तो मैं कहना चाह रहा हूँ. आप कुछ समझते ही नहीं.'
सिंह साहेब की उलझन और बढ़ गयी - 'जी.' बड़े ही आत्मीय ढंग से उमाकांत जी ने कहा - 'अरे साहेब, पार्टी ने अपने चुनावी-घोषणा पत्र में जो भी वादा किया है, उसको अमली जामा पहनाने के लिए, मैं आपका मंत्री के रूप में सहयोग चाहता हूँ.'
अध्यक्ष महोदय की पैनी निगाहें लगातार सिंह साहेब के चेहरे पर आ रहे रंगों का बारीकी से निरीक्षण कर रही थीं. अचानक प्रबल बाबू ने पूछ दिया- ' क्या यह पद ज़ुबान बंद रखने की कीमत है ?'
उमाकांत बाबू ने भी उसी लहजे में कहा - 'नहीं, ज़ुबान खोलने का पुरस्कार है .'
अध्यक्ष महोदय की बातों से प्रबल बाबू को लगा कि सचमुच प्रदेश को उनकी जरुरत आन पड़ी है. उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन ही जन-कल्याण के लिए अर्पित कर दिया था. जनहित और राज्यहित के मद्देनज़र उन्होंने मंत्री-पद स्वीकार कर लिया, अन्यथा मंत्री बनने की उनकी कोई लालसा नहीं थी. प्रबल प्रताप सिंह को प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया. उन्हें क्या पता था कि श्वेत कुरता पहनने वाले उमाकांत जी की गंजी मैली है.
प्रबल प्रताप सिंह को स्वास्थ्य मंत्री का पद सम्हाले मात्र तीन माह ही बीते थे कि उनके मंत्रित्व काल में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों में निःसंदेह एक चुस्ती आयी तथा सरकारी अस्पतालों की दवा की बाज़ार में बिक्री का प्रतिशत भी घटा. उन्होंने स्वयं को एक मंत्री के रूप में नहीं, जन सेवक के रूप में ढाला. उनकी छत्रछाया में कदाचार दम तोड़ने लगी और नैतिकता शैशवावस्था को छोड़कर जवानी की दहलीज़ पर कदम रखने लगी. प्रबल बाबू ने स्वस्थ प्रशासन का मानदण्ड प्रस्तुत करने के लिए एड़ी-चोटी का पसीना एक कर दिया. उनका अधिकांश समय विभागीय कार्यवाहियों में ही जाया होता. एक दिन .................
(क्रमश:)
Comment
बहुत सही पटरी पर चल रही है कहानी.
उन्हें क्या पता था कि श्वेत कुरता पहनने वाले उमाकांत जी की गंजी मैली है.
इस प्रभावी पंक्ति पर मेरी अनेकानेक शुभकामनाएँ लें, सतीशबाबू. आगामी अंकों में आसन्न घात और कतरब्यौंत की सोच-सोच कर ही रोमांच हो रहा है. .. ! .. बहुत अच्छे. .. :-))))
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