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वो प्यार भरे पल

वो पल सबसे अच्छे थे

जो गुज़रे थे तेरी बाहों में ।

खयालों में उन पलों को जी लेती हूँ

उन सांसों की सरगम से

मन को भिगो लेती हूँ

वो पल वापस नहीं लोटेंगे, मुझे पता है

उन स्मृतियों से आँखों को

नम कर लेती हूँ ।

उन पलों ने बुना था

ख्वाबों का सिलसिला

उन पलों ने बुना था

प्यार का फलसफा

उन पलों ने बुना था

गीत एक अनकहा

उन पलों ने दिया था

मीत एक मनचहा

मृदंग बज उठे थे मन में

बदन में सिहरन, होंठों पे थिरकन

नयनों में प्यार की बदली,

छलक उठी थी,

उस पल में

तुमने लुटाया था

अपने प्यार का पराग,

जिस पल में ।

मोहिनी चोरडिया 

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Comment

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Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on December 26, 2011 at 12:23pm

बहुत सुंदर ...............     !!!

Comment by LOON KARAN CHHAJER on December 20, 2011 at 3:24pm
बहुत सुंदर अभिवक्ति .के लिए साधुवाद

जिनको मिलता है बहुत सा प्यार
वोही लोग तो खुश नसीब होते हैं
और जिनके लिए नफरत भी न हो जहाँ में
वोही लोग हकीकत में गरीब होते हैं...!!!
Comment by LOON KARAN CHHAJER on December 20, 2011 at 3:23pm
जिनको मिलता है बहुत सा प्यार
वोही लोग तो खुश नसीब होते हैं
और जिनके लिए नफरत भी न हो जहाँ में

बहुत सुंदर अभिवक्ति .के लिए साधुवाद
वोही लोग हकीकत में गरीब होते हैं...!!!

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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