For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रंगीन आतंकवाद


'जननी जन्म भूमिष्च स्वर्गादपि गरीयसि' कि भावना से ओत-प्रोत एक युवा, सन्यासी,स्वामी विवेकानंद ने शिकागो कि धरती पर विश्व धर्म सम्मेल्लन में अपने व्याख्यान का प्रारंभ "DEAR SISTER AND DEAR BROTHER ...." से करके पूरी दुनिया में विश्व बंधुत्व के भाव से हिंदुस्तान का परचम लहराने वालI सन्यासी उस समय अपने भगवा वस्त्र में हिदुस्तान का मुकुट बना चमक रहा था,जिसे याद करके आज भी करोनो युवा उत्साह और स्फूर्ति व् नए उमंग से भर जाते हैं. उस सन्यासी, युवा को क्या पता था कि आगामी समय में आजाद भारत में इस वैरागी रंग को भी सत्ता-मोह का दंश झेलना पड़ सकता है ?
' इस दुनिया में बाँट के खाओ,मिलकर बोझ उठाओ,जिस रस्ते में हो सबका भला,वो रास्ता अपनाओ.' इस दर्शन के समर्थक सन्यासी ने उसी समय जिस आतंकवाद कि तरफ दुनिया के सबसे मजबूत राष्ट्राध्यक्ष का ध्यान आकर्षित किया था आज समूची दुनिया उसके दुष्प्रभाव से प्रभावित है............................
उनका मानना था कि पहले भूखे पेट में रोटी दो फिर दर्शन दो तो ही कारगर होगा,इतनी प्रगति और दूरदर्शिता कि सोच का भी सम्मान नहीं कर पाए ये सत्ता मोही नेता..

अगर रंगों से ही आतंक का परिचय हो रहा है तो मेरा मर्माहत मन और मष्तिष्क माननीय गृहमंत्री,चिदंबरम जी के समक्ष कुछ प्रश्न रखना चाहता है इस आशा के साथ कि हो सके तो ये लोक-हित में विचारनीय हो..
# जिन तथ्यों को अपनी दृष्टि में रखते हुए आपने ये बयां दिया अभी तो उनका मामला माननीय न्यायलय में लंबित है, क्या दोष दर्ज करने मात्र से ही दोषी हो गए वो लोग ?
# आपने कुछ लोगों के कारण पुरे एक विशाल धर्म के प्रतीक पवित्र रंग को ही दूषित और कलंकित कर दिया जिसका न कोई आतंकी इतिहास रहा है, न ही कोई सरोकार. ?
# हेडली का ' समझौता ब्लास्ट ' केस में खुलासे पर आपका क्या कहना है ?
# उल्फा,बोडो व नक्सली आतंक पर आपका क्या कहना है,कौन से रंग से इनको पहचान दिलाएंगे आप?
# आपकी पार्टी के संभावी प्रधानमंत्री पद के दावेदार,राहुल गाँधी के मंच पर एक नक्सली क्यों. ?क्या वह कोई समाजसेवी या समाज सुधारक था ? क्या इनको पंजा आतंक कहना पसंद करेंगे.?
#आपको भगवा रंग पर किसी दल का कॉपी-राईट दिखता है यदि हाँ तो क्यों/यदि नहीं तो क्योंकर ऐसा बयान.?

गीली लकड़ी में ही सही आग तो चिदंबरम जी लगा ही चुके हैं,और उसके बोझिल धुऐं में ___सुरसा रूपी महंगाई____ के पिशाचिन को छिपानी कि भरपूर चेष्टा भी की पर अब जनता भी जागरूक है उसे भी इनकी सत्ता-लोलुप चालों से ऊपर उठकर अपनी प्राथमिक आवश्यकताओं को तरजीह देनी होगी क्यूंकि इन नेताओं का शगल ही यही है.....
" नेता चुनाव जीता ,राजपथ पर ऊँचा मकान है,पूछने पर पता चला,गरीबी मापने का उंचा मचान है". अंत में चंद पंक्तियों मे यह कहना चाहती हूँ कि, माननीय चिदंबरम जी ने स्वामी विवेकानंद के विश्व धर्म समभाव का ही अपमान नहीं किया वरन जगत गुरु आदि शंकराचार्य के विश्व बंधुत्व कि भावना के साथ-साथ तिरंगे के शीर्ष रंग का भी अपमान किया है.

अलका तिवारी
अधिवक्ता उच्च्तम न्यायालय

Views: 565

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rash Bihari Ravi on February 28, 2011 at 2:29pm
bahut badhia
Comment by Pankaj Trivedi on September 2, 2010 at 9:21am
Bahut achchha aalekh..

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 1, 2010 at 11:28pm
अलका बहन आपने बिलकुल सही लिखा है, अपनी नाकामियों को छुपाने के लिये गृहमंत्री तरह तरह के भ्रामक बयान दे रहे है, सत्ता के अभिमान मे चूर इन कांग्रेसी मंत्रियों को केवल कुर्सी की चिंता है, वो हिन्दुओं की भावनाओं से खेल रहे है, जिस दिन उनका ऐसा बयान आया हिंदुस्तान की जनता अपमानित हुई, और इसका परिणाम आने वाले समय मे उनको भुगतना पड़ेगा, अफजल गुरु को delhi सरकार बचाने की षड़यंत्र कर रही है, नक्सलवादियों से निपटने का कोई ठोस रणनिति नहीं होने के कारण देश के जवान मारे जा रहे है और इन्हे भगवा आतंक दिख रहा है,
चिदम्बरम जी आप ठीक कह रहे है अब आपको भगवा से आतंकित होने की जरूरत है, क्योकि भगवा धारी साधू सन्यासियों के देश मे आप ने जहर उगल दिया है,
अलका बहन आँख खोलने वाले इस लेख के लिये आपको बहुत बहुत धन्यवाद,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service