For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रगति की गति उसकी धमनी में रक्त बन चले हैं,
सर ढककर ,शोहरत की शौपिंग कर रही है,
लक्की बैम्बू लगा किस्मत सवांर रही है,
किचन में किचन इकोनोमी प्रयोग कर रही है,
कभी हॉट,कभी कूल,कभी प्रीटी लग रही है,
पजामा पार्टी में मनचले गप्पे मरते हुए ,
सामाजिक मुद्दों की परिचर्चा में भाग ले रही है,
मेहनत के टैक्स देकर,सपनों को पूरा कर रही है,
ख्वाहिशों की होम डेलिवेरी घर बैठे ले रही है,
राठौर जैसे मनचलों से लड़ रही है,
कल्पना के आकाश इ एक नाजो-अदा से उड़से रही है.

Views: 454

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by alka tiwari on August 23, 2010 at 12:42pm
आपकी प्रतिक्रिया और सुझाव अपेक्षित है ,निरंतरता बनाए रखे.
धन्यवाद.
Comment by Pankaj Trivedi on August 22, 2010 at 12:56pm
अलका,
इस कविता के लिएँ मेरी हार्दिक शुभकामना स्वीकार करें | एक नारी-कवयित्री होकर ही "नारी के लक्षणों" के सन्दर्भ में कविता लिखे, यह सराहनीय ही है |
वर्त्तमान में जी रही हमारी इन नारीओं को देखो, कितना संघर्ष करती है ! बहुत ही कम शब्दों में अच्छा वर्णन किया है | बधाई |
Comment by आशीष यादव on August 22, 2010 at 9:34am
alka ji pranaam,
aapne aaj ki naari ko behatari se darshaya hai. thanks

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 22, 2010 at 7:24am
बहुत खूब अलका जी, आप की छुवन गजब की है, इतनी कम शब्दों मे आप ने आधुनिक नारी के हर पहलु को छू दिया है, वाह वाह के सिवा और क्या कह सकता हूँ, धन्यवाद,
Comment by alka tiwari on August 22, 2010 at 1:07am
ji koshish ko sarahane ke liye, dhanyvaad.

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on August 21, 2010 at 9:37pm
वाह इन चंद पंक्तियों में आधुनिक भारतीय नारी का सुन्दर वर्णन कर दिया| बहुत सुन्दर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, आज लाइव तरही मुशायरा में मैने जो ग़ज़ल पोस्ट की है उसके काफिये में…"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"ग़ज़ल आ गया है वक्त अब सबको बदलना चाहिये। मेहनत से जिन्दगी में रंग भरना चाहिये। -मेहनतकश की नहीं…"
9 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"अभी तो तात्कालिक सरल हल यही है कि इसी ग़ज़ल के किसी भी अन्य शेर की द्वितीय पंक्ति को गिरह के शेर…"
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. तिलकराज सर, मैंने ग़ज़ल की बारीकियां इसी मंच से और आप की कक्षा से ही सीखीं हैं। बहुत विनम्रता के…"
12 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"परम आदरणीय सौरभ पांडे जी व गिरिराज भंडारी जी आप लोगों का मार्गदर्शन मिलता रहे इसी आशा के…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। 'मिलना' को लेकर मेरे मन में भी प्रश्न था, आपके…"
15 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"2122 2122 2122 212 दोस्तों के वास्ते घर से निकलना चाहिए सिलसिला यूँ ही मुलाक़ातों का चलना चाहिए…"
15 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय तिलक जी नमस्कार  बहुत बहुत आभार आपका ,ये प्रश्न मेरे मन में भी थे  सादर "
15 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"इस बार के तरही मिसरे को लेकर एम प्रश्न यह आया कि ग़ज़ल के मत्ले को देखें तो क़ाफ़िया…"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति औल स्ने के लिए आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। 6 शेर के लिए आपका सुझाव अच्छा…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. प्राची बहन, सादर अभिवादन।गजल आपको अच्छी लगी, लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
18 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service