जिसनें जीवन के सुन्दर पल
Comment
ashish ji
kavita aapke dil ko chho gayi to hamare dil ka dekhiye kya haal hua hoga...?
dhanyabad
आदरणीय श्री DEEPAK SHARMA KULUVI जी , बहुत ही भावुक कविता है| बिलकुल सरल सहज शब्दों में लेकिन दिल को छूती हुई|
दीपकजी, संवेदना की उफनायी बाढ़ में बहुत देर तक बहता रहा. बेरोक-टोक. कुछ संयत हुआ तो इतना ही कह पा रहा हूँ --ज़िन्दग़ी में बहुत कुछ ऐसा हुआ करता है, जिसे चाह कर भी शब्दों में नहीं ढाला जा सकता. मगर इन्सान फिर भी कोशिश करता है.
शुभकामनाएँ.
विरह को सुन्दरता से शब्दों में ढाला है आदरणीय दीपक जी - बहुत खूब.
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