For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज कौन शेर है ... ?
सब हैं गीदड ...और ...
शेरनियों से शादी रचाए बैठे हैं ...
वो गुर्राया करती हैं ...
हम दुबके पड़े रहते हैं ...

घर से निकल कर कैसे कह दूँ ?
चौका-चूल्हा, बर्तन-भांडे ...
थे कभी जो उनके हिस्से ...
आते हैं अब मेरे हिस्से ...

कोमला, निर्मला, सौंदर्या ...
अबला, पीड़ित, कुचली, प्रताड़ित ...
कितने ही उपमान पाए इन्होने ...
सभी जानते हैं असलियत इनकी ...
कौन चाहता लाँघ द्वार को ...
हो जाये यह चर्चा आम ...

देख-देख सूरत इनकी ...
होते थे पुलकित कभी ...
सूरत वही पर सीरत नयी है ...
मन वही इधर भी है ...
नासपीटी बस दहशत नयी है ...
जो होते थे कम्पायमान कभी ...
कम्पित-भूकम्पित कर डाला उन्होंने ...

कौन जाने अब क्या हो कल ...
बन छिद्रान्वेषक ...
अपनी नज़रों से ...
गुजारेंगी हर पल ...

गुजर गया जो ...
वह रूप बदल फिर आयेगा ...
पीटते-पीटते, पिटने लगे हैं ...
है यह समय का पहिया भईया ...
इसके वार से बचा न कोई ...
बदल रहा यह दौर है ...
छोड़ सजातीय विजातीय संग हैं ...
बोलो भईया शेर-शेरनी कब होवेंगे संग ?

► ...जोगेन्द्र सिंह ... Jogendra Singh ( 17 सितम्बर 2010 )

▬► NOTE :- कृपया झूठी तारीफ कभी ना करिए.. यदि कुछ पसंद नहीं आया हो तो Please साफ़ बता दीजियेगा.. मुझे अच्छा ही लगेगा..
▬► !!..धन्यवाद..!!
.

Views: 565

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह on September 18, 2010 at 11:22pm
@ अपर्णा जी , धन्यवाद ..............
Comment by Aparna Bhatnagar on September 18, 2010 at 10:56pm
हास्य ...भी और व्यंग्य भी ...!!!
Comment by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह on September 18, 2010 at 5:32pm
हा हा हा ... @ बागी जी ... क्या आप मेरी हँसी उड़ा रहे हैं ... ?

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 18, 2010 at 4:00pm
जोगिन्दर भाई, आप की सभी रचनाओं मे अनुभवों का समावेश रहता ही है, यह कविता भी आप के अनुभवों के बल पर खुबसूरत बनी है,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . .तकदीर
"आदरणीय अच्छे सार्थक दोहे हुए हैं , हार्दिक बधाई  आख़िरी दोहे की मात्रा फिर से गिन लीजिये …"
6 hours ago
सालिक गणवीर shared Admin's page on Facebook
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर   होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर । उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service