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प्यार की मीठी बातों क़े माने ग़ज़ल,..
इश्क करते है जो वो ही जाने ग़ज़ल.
**
गोया गागर में सागर समाया करे,...
चंद लफ़्ज़ों में कहती फ़साने ग़ज़ल....
**
प्यार पर ही टिका है ये सारा जहाँ,...
बात सबको लगी है बताने ग़ज़ल.....
**
रौब अपना जमाने यहाँ बज़्म में,..
छेड़ देते है यूँ  ही सयाने ग़ज़ल.....
**
चांदनी रात में देख उनकी अदा,..,
दिल मचल क़े लगा गुनगुनाने ग़ज़ल....
**
तहजीब का जब से हिस्सा बनी,...
लोग घर में लगे है सजाने ग़ज़ल....
**
...अविनाश बागडे.

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मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 27, 2012 at 8:31pm

बागडे साहिब , सभी शेर बढ़िया कहे है, कहन भी उम्दा लगा, कुल मिलाकर अच्छी ग़ज़ल की प्रस्तुति, दाद कुबूल करे |

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 27, 2012 at 1:38pm

VAH SIR JI KITNA ASAN HO GAYA, GAJAL KI BADHIYA PARIBHASHA. SADAR ABHIVADAN  AAP KA , BADHAI.

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