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तोड़ो इन्हें की अब तो मुरझा रहे है फूल.

डाली पे रहते-रहते उकता रहे है फूल.

.

जाते समय तो घर से जुड़े में हंस रहे थे

लौटते कदम है,कुम्हला रहे है फूल.

.

ख़ुशबुओ का लेकर पैगाम साथ-साथ

दोनों दिलो क़े रिश्ते सुलझा रहे है फूल.

.

देने को सब खड़े है बस आखरी सलाम.

मिटटी बनी है देह सुस्ता रहे है फूल.

.

महका रहे थे महफ़िल रातो को देर तक.

घूरे की शान अब तो बढा रहे है फूल.

.

अविनाश बागडे.

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Comment

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Comment by AVINASH S BAGDE on March 23, 2012 at 4:58pm

संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' ji,
शुक्रिया जनाब आपके सुझाव और दाद का.

Comment by AVINASH S BAGDE on March 23, 2012 at 4:56pm

rajesh kumari ji ह्रदय से आभार.

Comment by AVINASH S BAGDE on March 23, 2012 at 4:55pm
आपका ह्रदय से आभार. MAHIMA SHREE ji


आभारी हूँ.
Comment by AVINASH S BAGDE on March 23, 2012 at 4:53pm
"ग़ज़ल में बहुत कुछ छिपा दिख रहा है ..."
सीमा जी आपकी पारखी नज़रों ने 'उस' छिपे को पकड़ा और एक बेहतरीन सी दाद में ढाल दिया.
आपका ह्रदय से आभार.

Comment by AVINASH S BAGDE on March 23, 2012 at 4:49pm

neeraj bhaiबहुत-बहुत आभार.


NEERJA ARORA jiशुक्रिया.


राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' ji बहुत-बहुत शुक्रिया.


 PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA ...aabhar aapka.

Comment by AVINASH S BAGDE on March 23, 2012 at 4:45pm

"जब किसी संज्ञा को रदीफ बनाया जाता है तो ग़ज़ल में नवीनता आ जाती है "


आदरणीय वीनस भाई इस हौसला अफजाई का दिल से शुक्रिया.
बहुत-बहुत आभार.
Comment by वीनस केसरी on March 23, 2012 at 1:33pm

जब किसी संज्ञा को रदीफ बनाया जाता है तो ग़ज़ल में नवीनता आ जाती है

सुन्दर भावाभिव्यक्ति के लिए सादर नमन

Comment by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on March 22, 2012 at 4:55pm

मान्यवर श्री अविनाश जी, वाह! बहुत खूब. हर एक शेर उम्दा, हार्दिक बधाइयाँ. 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 22, 2012 at 4:48pm

तोड़ो इन्हें की अब तो मुरझा रहे है फूल.

डाली पे रहते-रहते उकता रहे है फूल.

aadarniy avinash ji. sadar abhivadan. bahut sundar varnan pushpon ki sthiti ke anusar. badhai.

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 22, 2012 at 3:11pm

बहुत ही सुन्दर भाव और कहन बिलकुल फूलों की ही तरह! एक निवेदन था कि आपकी यह रचना नज़्म मानी जानी चाहिए कृपया पुनः विचार करें| सादर,

कृपया ध्यान दे...

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