For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हो न सका

ऐसे बिछुड़े दीदार हो न सका
बेवफाओं से प्यार हो न सका 
ऐसे बिछुड़े -------------
तुझको भूले न भूलना आया-२
हमको खोकर तुमने क्या पाया-२
तुमसे भी इंतज़ार हो न सका 
बेवफाओं से प्यार हो न सका 
ऐसे बिछुड़े -------------
कैसे भूलोगे लम्हे प्यार भरे
ज़ख्म अपनें तो अब तलक न भरे
हमपे क्यों ऐतवार हो न सका 
बेवफाओं से प्यार हो न सका 
ऐसे बिछुड़े -------------
दीपक 'कुल्लुवी'
हर्मोनियम कम्पोजीशन 
9,8,7,Ix3,6,g,6,I,8,9,8,7,I
mx5,9,8x2,9,8,7,Ix2
mx5,9,8,9x3
9x3,m,9m8x3,9,8,7,Ix2
 

Views: 630

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on April 19, 2012 at 10:24am

PRDEEP JI

BEWAFA HI TO MUHABBAT AUR NAFRAT SAMJHANE KA ZARIYA HOTE HAIN

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 18, 2012 at 10:38pm

bevafa se pyaar, kya baat hai sir ji, koi aur kyon nahi, time ki kimat hoti hai ji, bahut badhiya rachna. sadar abhivadan ke saath badhai.

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on April 16, 2012 at 10:32am

shukriya bagi ji......


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 15, 2012 at 5:39pm

बेवफाओं से प्यार हो न सका .............वाह वाह बहुत खूब दीपक जी .....धीरे धीरे प्यार हो जायेगा ....आभार |

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on April 14, 2012 at 12:57pm

DHANYABAD ARUN JI

Comment by Abhinav Arun on April 14, 2012 at 12:52pm
कैसे भूलोगे लम्हे प्यार भरे
ज़ख्म अपनें तो अब तलक न भरे
हमपे क्यों ऐतवार हो न सका 
बेवफाओं से प्यार हो न सका 
sundar gahre bhaavon par hardik badhai aapko !!
Comment by Deepak Sharma Kuluvi on April 14, 2012 at 10:28am

शुक्रिया सौरभ पाण्डे जी ,मृदु जी,लाली जी आप ठीक ही कह रहे हैं हम बेवफा ही तो हैं जो इस महाघोर  कलयुग में वफ़ा की बातें कर रहे हैं


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 14, 2012 at 4:32am

बहुत अच्छे दीपक जी, ..

Comment by राज लाली बटाला on April 14, 2012 at 2:40am

ऐसे बिछुड़े दीदार हो न सका

बेवफाओं से प्यार हो न सका  !!! बेवफाओं लिख कर आप खुद बेवफा हो रहे है !! दीपक  जी सुन्दर !! best wishes !
Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on April 13, 2012 at 8:57pm

तुझको भूले न भूलना आया-२

हमको खोकर तुमने क्या पाया-२       खूबसूरत अभिव्यक्ति के लिए बधाई स्वीकार करें सर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service