लघु कथा :- गिद्ध
"चल कल्लुआ जल्दी से दारु पिला, आज बहुत टेंसन में हूँ |"
"अरे, टेंसन और आप? आखिर ऐसी क्या बात हो गई बिल्लू दादा ?
"यार, कल शाम जिस बूढ़े को हमने लूटा था न, उसने थाने में रपट दर्ज करा दी है |"
"तो दादा इसमें कौन सी टेंसन की बात है ?"
"टेंसन ये है कि हम ने तो कुल २१२ रुपये और एक पुरानी सी घड़ी ही लूटी थी, लेकिन उस बुढऊ ने दस हजार नगद, एक घड़ी और सोने की अंगूठी की रपट लिखवा दी है |"
"रपट लिखवा दी तो कौन सा आसमान टूट पड़ा ?"
"आसमान ये टूट पड़ा है कल्लुआ कि अब ऊ ससुरा दरोगा, लूट में से आधा हिस्सा मांग रहा है |"
Comment
आदरणीय उमाशंकर मिश्रा जी, सराहना हेतु आपका बहुत बहुत आभार |
उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय राज लल्ली शर्मा जी
ये लघु कथा के रूप में आपने सच्चाई सामने रख दी
ऐसा ही होता है| चोर को पकडने का आसान तरीका
बता दिया आपने यदि मुर्गी चोरी हो गई, तो रिपोर्ट हाथी चोरी का करना चाहिए |
चोर जल्दी पकड़ा जायगा |मामला हिस्सेदारी का है* बधाई
अब ऊ ससुरा दरोगा, लूट में से आधा हिस्सा मांग रहा है | Bahut achhe Bagi ji !!
बहुत बहुत आभार आदरणीया रेखा जोशी जी |
आदरणीय बागी जी ,सटीक कटाक्ष ,बधाई
धन्यवाद अजय कुमार जी
सराहना हेतु आभार कुमार गौरव जी |
बहुत बढ़िया रचना बागी सर, व्यंग के साथ सच्चाई बयां करती हुई.बधाई
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