For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सूरज कभी सोता नही [लघु कथा ]

नन्हे बबलू ने रोहित से पूछा ,''अंकल क्या सूरज थकता नही है ?वह तो कभी सोता ही नहीं ,''उस नन्हे बच्चे के इस सवाल ने रोहित को लाजवाब कर दिया |एक हारे हुए इंसान को उम्मीद की नवकिरण  दिखा रहा था ,उस पांच साल के नन्हे से बच्चे का सवाल |एक हारा हुआ बिल्डर जिसकी बनाई हुई इमारत हाल ही में तांश के पत्तो सी बिखर गई थी और उसके साथ साथ उसकी आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल हो  चुकी थी,लेकिन बबलू  का वह वाक्य उसे एक नई राह दिखा रहा था | रोहित ने अपनी कम्पनी के पूरे स्टाफ को फिर से बुलाया ,नयी रूपरेखा तैयार की गई और जुट गया एक बार फिर से उस प्रोजेक्ट को नए सिरे से बनाने में |इस बार रोहित बड़ी सतर्कता से हर काम अपनी  ही देख रेख में करवा रहा था ,उसे न दिन का होश रहता था न रात का ,किसी पर कोई काम छोड़ता ही नही था| नन्हे बबलू के शब्द उसके कानो में सदा गूंजते रहते थे .उसे सूरज की तरह ही बनना है ,कभी थकना नही है |एक दिन उसकी अनथक मेहनत रंग ले ही आई और उसकी हार जीत में बदल चुकी थी |वह उस बुलंद इमारत के सामने खड़ा उसके पीछे प्रेरणा देते हुए चमकते सूरज को टकटकी बांधे निहार रहा था ,आज उस नन्हे बच्चे के सवाल का जवाब उसके पास है ,''सूरज कभी सोता नही ''|

Views: 849

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rekha Joshi on May 25, 2012 at 6:17pm

आदरणीय बाली जी ,इतने जोशीले कमेन्ट के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ,आभार |

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on May 24, 2012 at 11:45pm

रेखा जी इस जोश भरते लेख के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ ! ऐसे ही उत्साहवर्धक लेखों से दुनिया का अंधेरा दूर करते रहिए !!साभार !

Comment by Rekha Joshi on May 24, 2012 at 10:50pm

आदरणीय बागी जी ,आपका बहुत बहुत धन्यवाद ,आगे भी आप ऐसे ही मेरा उत्साह बढाते रहिये |आभार 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 24, 2012 at 8:40pm

बहुत ही प्रेरणादायी लघु कथा की प्रस्तुति है, बहुत बहुत बधाई आदरणीया रेखा जोशी जी |

Comment by Bhawesh Rajpal on May 24, 2012 at 9:00am
इस प्रेरक कथा के लिए हार्दिक बधाई  !
- भवेश राजपाल  
Comment by MAHIMA SHREE on May 23, 2012 at 9:31pm
हारे मन में आशा का संचार करती रचना के लिए बहुत -२ हार्दिक बधाई आदरणीया रेखा जी
Comment by Rekha Joshi on May 23, 2012 at 8:37pm

आदरणीय प्रभाकर जी ,ऐसे ही मेरा उत्साह बढ़ाते रहे ,बहुत बहुत धन्यवाद |

Comment by Rekha Joshi on May 23, 2012 at 8:35pm

सीमा जी ,सादर ,रचना पसंद आने पर धन्यवाद ,आपका आभार |

Comment by Rekha Joshi on May 23, 2012 at 8:33pm

आदरणीय सुरेन्द्र जी ,आप इसे ही मेरा उत्साह बढ़ाते रहे ,रचना पसंद आने पर बहुत बहुत धन्यवाद |

Comment by Rekha Joshi on May 23, 2012 at 8:26pm

आदरणीय अशोक जी ,लघुकथा पसंद आई ,धन्यवाद |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service