सांस में सुर सनसनाना प्यार का
ज़िन्दगी है ताना बाना प्यार का
मौत से कह दूंगा, रुक जा दो घड़ी
आने वाला है ज़माना प्यार का
यों तो हर मौसम का अपना रंग है
पर लगे मौसम सुहाना प्यार का
उफ़ जवानी का ये आलम जानेमन
और उस पर उमड़ आना प्यार का
चीज है अनमोल, पर बाज़ार में
नहीं मिलेगा चार आना प्यार का
बैठे ठाले यों ही कुछ कुछ लिख दिया
ख़ुद-ब-ख़ुद बन बैठा गाना प्यार का
है मुकद्दरमन्द जिसको मिल गया
ज़िन्दगी में गुनगुनाना प्यार का
उस घड़ी मत रोकना "अलबेला" को
जब लबों पर हो तराना प्यार का
_______JAI HIND
Comment
आपका लाख लाख शुक्रिया सौरभ पाण्डेय जी,
आपकी सराहना से मेरी लेखनी को बल मिला है
जय हो !
उफ़ जवानी का ये आलम जानेमन
और उस पर उमड़ आना प्यार का
उस घड़ी मत रोकना "अलबेला" को
जब लबों पर हो तराना प्यार का
बहुत सुन्दर .. अलबेला जी. आपकी ग़ज़ल अच्छी लगी. .. प्यार भरी !
आदरणीय उमाशंकर मिश्रा जी, आपने प्यार से देखा इस प्यार की रचना को मेरे लिए इससे प्यारी बात और क्या हो सकती है..........आपका प्यार ज़िन्दाबाद !
सराहना के लिए दिली शुक्रिया
प्यार भरी प्यारी रचना भाई अलबेला खत्री जी
बहुत बढिया रचना है |वाह वाह ही कर सकते हैं|
इतनी सुन्दर रचना के लिए ..धन्यवाद
प्यार चीज़ ही ऐसी है राजेश कुमारी जी, इस पर सदियों से लिखा जा रहा है और आगे भी लिखा जाएगा परन्तु नित्य नये अन्दाज़ मिलते रहेंगे कहन को..................बहरहाल आपने रचना को सराहा तो उतना सुकून और आनन्द मिला जितना पद्मश्री के अधिकारी को पद्मभूषण प्राप्त होने पर मिलता है
आपकी सराहना महत्व रखती है . शुक्रिया............. जय हिन्द !
इस अकेले शेर ने ही सारे नंबर लूट लिए क्या बात है बहुत सुन्दर ग़ज़ल लिखी है
मौत से कह दूंगा, रुक जा दो घड़ी
आने वाला है ज़माना प्यार का
बहुत बहुत शुक्रिया "बागी" जी
नमन आपको
//यों तो हर मौसम का अपना रंग है
पर लगे मौसम सुहाना प्यार का//
बिलकुल सटीक कहन, बहुत ही खुबसूरत ग़ज़ल, बहुत बहुत बधाई आदरणीय खत्री साहिब |
आपका हार्दिक धन्यवाद प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी,
हम प्यार का तराना गायेंगे साथ साथ
मौसम-ए-आशिकाना लाएंगे साथ साथ
जय हो आपकी......बहुत बहुत शुक्रिया
आदरणीय अलबेला जी, सादर
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