For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(क्या ऐसे होते हैं-?)

(क्या ऐसे होते हैं-?)
 
क्या बाबा ऐसे होते हैं
जो लोगों को उकसाते हैं
मधुर बाणी से फँसाते हैं
और करोडो अरबों कमाते हैं
लोग तो भोले भाले हैं
बस झांसे में आ जाते हैं 
तन मन धन जब लुट जाता 
तब कहीं होश में आते हैं
धोखा देते जनता को यह 
नित नए स्वाँग रचाते हैं 
कोई भीमानंद कोई योगानंद
कोई निर्मल बाबा बन जाते हैं 
गाड़ियाँ,बँगले,कारें देखो
इस कुदरत के नज़ारे देखो 
भगवा चोला तिलक सिंधूरी
यह झूठे राम भक्त प्यारे देखो 
वाह रे मेरे भारतबासी
दूर न होगी तेरी उदासी 
लुटेरों के भी पांव तू छूता
तेरी अक्ल पे आवे हाँसी  
 
दीपक 'कुल्लुवी' 

Views: 419

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MAHIMA SHREE on June 8, 2012 at 10:53pm
भगवा चोला तिलक सिंधूरी
यह झूठे राम भक्त प्यारे देखो 
वाह रे मेरे भारतबासी
दूर न होगी तेरी उदासी 
लुटेरों के भी पांव तू छूता
तेरी अक्ल पे आवे हाँसी  

बहुत खूब ..बधाई आपको

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 8, 2012 at 1:13pm

अपने फन के वो , अपने फन  के आप माहिर हैं, 

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on June 8, 2012 at 9:31am

PRADEEP JI REKHA JI VAISE TO NIRMAL BABA DELHI MEN MERE PADOSI HI HAIN .......MAINE KABHI INKE PAON NAHIH CHHUYE AB SOCHTA HOON INKI DUKAN BAND HI HONE WALI HAI AB CHHOO LOON...SABKO BAKHSHNE KE LIYE........

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 7, 2012 at 8:15pm

बहुत सुन्दर , लुटरों के पैर छूते. वाह बधाई,

Comment by Rekha Joshi on June 7, 2012 at 5:56pm

खूब लूटा है इन बाबाओं ने हम भारतवासियों को ,सशक्त रचना पर बधाई 

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on June 7, 2012 at 4:07pm

SHUKRIYA BAGI JI &  ALBELA JI

Comment by Albela Khatri on June 7, 2012 at 4:00pm

क्या कहने दीपक शर्मा कुलुवी जी आपके........
बहुत ही मारक रचना कही आपने........

वाह रे मेरे भारतबासी
दूर न होगी तेरी उदासी 
लुटेरों के भी पांव तू छूता
तेरी अक्ल पे आवे हाँसी 
___________बधाई आपको

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 7, 2012 at 3:48pm

सुन्दर भाव हेतु बधाई |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service