For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तेरे संग के वो पल

तेरे संग के वो पल ..
सारे बीते हुए कल ..
सब याद आते हैं !! ..सब ..
वो चाँदी से पल ..
सोने में संग
सोने से पल ....
तेरे बालों की लट..
तेरा कहना वो चल हट .
सब याद आते हैं ..!!
तेरे होठों का रस ..
तेरा मिलना सरस ..
तेरा वो लड़ना  
मुझसे झूठा झगड़ना ..
सब याद आते हैं ..सब .!!
वो आँखे मिलाना
वो प्यार से बुलाना ..
पुरानी सभी बातें बताना ..
याद आते हैं ..सब ..
तेरे आंसू के धारे  
गिरते गालों सहारे ..
तेरा हँसना ख़ुशी से ,
बैठना मेरे सहारे ..
सब याद आते हैं ..याद आते हैं ..सब .!!

Views: 468

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Raj Tomar on June 17, 2012 at 8:50pm

बिश्वजीत जी, बहुत बहुत धन्यवाद . :)

Comment by Bishwajit yadav on June 14, 2012 at 11:36pm
प्रणाम राज जी
आपकी कविता पढ के कुछ याद आ गया
बिता हुआ पल बादलो कि तरह छा गया
Comment by Raj Tomar on June 14, 2012 at 9:45pm

बहुत शुक्रिया योगेश जी .:)

Comment by yogesh shivhare on June 14, 2012 at 3:21pm

तेरे बालों की लट..
तेरा कहना वो चल हट .  bahut sundar Raj bhai badhai

Comment by Raj Tomar on June 14, 2012 at 3:11pm

बहुत बहुत शुक्रिया, श्रीमान अलबेला खत्री साब !! :)

Comment by Albela Khatri on June 14, 2012 at 2:25pm

ये यादें बहुत रसीली हैं
ये बातें बहुत नशीली हैं

तेरे होठों का रस ..
तेरा मिलना सरस ..
तेरा वो लड़ना  
मुझसे झूठा झगड़ना ..
सब याद आते हैं ..सब .!!
वो आँखे मिलाना
वो प्यार से बुलाना ..
पुरानी सभी बातें बताना ..
याद आते हैं ..सब ..

_______वाह वाह  श्रीमान राज तोमर जी,
बहुत ही उम्दा  कविता  बांचने का अवसर दिया आपने........
धन्यवाद
________बधाई !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Aazi Tamaam posted blog posts
47 minutes ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' साहब! हार्दिक बधाई आपको !"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service