रास्तों में मुश्किलें हैं आज इनसे होड़ ले.
जिन्दगी भी रेस है तू दम लगा के दौड़ ले.
मंजिलें अलग-अलग हैं रास्ते जुदा-जुदा,
गर तू पीछे रह गया तो साथ देगा क्या खुदा,
हिम्मतों से काम लेके रुख हवा का मोड़ ले.
जिन्दगी भी रेस है तू दम लगा के दौड़ ले.
रास्तों में मुश्किलें हैं आज इनसे होड़ ले................
हाथ-पांव साथ देंगें रोज इम्तेहान दे,
उड़ चलेगा हौसले बुलंद रख के ध्यान दे,
चमचमाते तारे आज आसमां से तोड़ ले.
जिन्दगी भी रेस है तू दम लगा के दौड़ ले...............
--अम्बरीष श्रीवास्तव
Comment
धन्यवाद बागडे साहब !
wah...
धन्यवाद आदरणीय सौरभ जी !
प्रेरणा और सांत्वना देता गीत बन पड़ा है, आदरणीय अम्बरीषभाईजी.
सादर बधाई.
मित्र संदीप जी, इस गीत को पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार ....सस्नेह ...
आदरणीय अग्रज मापतपुरी जी, आपके स्नेह को सादर नमन ...
मित्र शैलेन्द्र जी, आभारी हूँ आपका .......आपकी हृदयस्पर्शी प्रतिक्रिया अभिभूत करती है ! सस्नेह
ज़िंदगी की मुश्किलों से लड़ते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता आपका यह गीत बहुत ही सुन्दर लगा आदरणीय| सादर,
हाथ-पांव साथ देंगें रोज इम्तेहान दे,
उड़ चलेगा हौसले बुलंद रख के ध्यान दे,
चमचमाते तारे आज आसमां से तोड़ ले.
जिन्दगी भी रेस है तू दम लगा के दौड़ ले............... नमन है आदरणीय श्रीवास्तव साहेब ....... इस ज़ज्बे को सलाम
बहुत ही बढ़िया रचना वीर रस का संचार करती इस रचना में केवल काव्य ही नहीं है अपितु सभी के लिए बहुत ही सकारात्मक सन्देश है
जोश भर देने वाली,कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी हिम्मत रखने हौसले बुलंद रखने का पवित्र उद्देश्य कहती बहेतरीन रचना
हार्दिक बधाई
दम भरी ये साधना बुलंद हौसला लिए
कह रही है बड़े चलो बुलंद हौसला लिए
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