झूमो, नाचो, मौज मनाओ बाबाजी
जीवन का आनन्द उठाओ बाबाजी
ये क्या, जब देखो तब रोते रहते हो ?
घड़ी दो घड़ी तो मुस्काओ बाबाजी
मुझ जैसे मसखरे का चेला बन जाओ
दिवस रैन दुनिया को हँसाओ बाबाजी
ये सब नेता रक्तपिपासु कीड़े हैं
इनसे मत कुछ आस लगाओ बाबाजी
जनता के दुःख को जो अपना दुःख समझे
अब ऐसी सरकार बनाओ बाबाजी
एक मिनट में ऐसी-तैसी कर देगी
बीवी को मत आँख दिखाओ बाबाजी
ओ बी ओ की परिपाटी है 'अलबेला'
आपस में सब प्यार लुटाओ बाबाजी
-अलबेला खत्री
Comment
एक बात है घर में कहनी अलबेला,
मुस्काकर तो हमें रुलाओ बाबा जी
क्या .... घर की याद दिला दी आदरणीय !!!
जय हो जय हो .......
हँसती ही है वो मेरी मूरखता पर
देखना हो तो घर पे आओ बाबाजी
____क्यों ठीक है न ठीक अम्बरीश जी ?
अलबेला जी ,
ही ही ही ही उन्हें हँसाओ तो जानें
हा हा हो हो की जय बोलो बाबा जी
स्वागत है आदरणीय अलबेला जी .....:-)
साधु साधु
वाह अम्बरीश जी.......
कमाल कर दिया आदरणीय
एक एक शब्द को अर्थ में बदल दिया
बहुत बहुत धन्यवाद आपको
बहुत आभार आपको
जय हो !
______________अब क्या रह गया कहने को.....इत्ता बहुत है ...हा हा हा हा
//एक मिनट में ऐसी-तैसी कर देगी
बीवी को मत आँख दिखाओ बाबाजी//
बीबी जब भी आँख उठाये रे बाबा
चरण-कमल में शीश नवाओ बाबाजी
//ये सब नेता रक्तपिपासु कीड़े हैं
इनसे मत कुछ आस लगाओ बाबाजी//
रक्त पिपासु नेता को मत पालो तुम
पेस्टीसाइड इन्हें पिलाओ बाबाजी
जनता के दुःख को जो अपना दुःख समझे
अब ऐसी सरकार बनाओ बाबाजी//
परचम अपना दुनिया में गर लहराना
मोदी सी सरकार बनाओ बाबाजी
आदरणीय अलबेला जी .....
सुंदर सुंदर गजल कही है अलबेला
पढ़-पढ़ इसको मौज मनाओ बाबाजी
बहुत-बहुत बधाई मित्रवर ...
धन्यवाद आदरणीय डॉ सूर्य बाली 'सूरज' जी.......
बहुत बहुत शुक्रिया...
आपकी सराहना ने प्रफुल्लित किया
अलबेला जी नमस्कार ! मतला बड़ा खूबसूरत कहा है आपने और बीबी वाला शेर तो मशाल्लाह लाजवाब है !! बहुत बहुत बधाई !!
धन्यवाद भाई अरुण शर्मा जी......
आभार !
वाह अलबेला जी.
आपकी रचना पढ़ कर मनो बल बढ़ता है. बहुत कुछ सीखने को मिलता है. बधाई
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online