For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

याचना है सांथियों मुझको राह दिखाना 
मकसद जिंदगी का मुझको भी बतलाना 
 
जिंदगी  का मकसद,किस राह पर है चलना 
तक़दीर में पाने को, क्या लिखा है मिलना 
 
अतीत की यादों को दिल में बसाता इंसान है 
अतीत के गहरे जख्म छुपा लेता इन्सान है 
 
अतीत के पन्नो को जब पलटता इन्सान है 
अपनो को गहरी यादों में खोजता इन्सान है 
 
जिंदगी जैसे मोती मणियों से माला बनाना  
फिर आहिस्ता आहिस्ता टूटकर बिखर जाना 
 
हमारे पूर्वजों के मशवरे है, अनमोल खजाना 
याद करेगा उनकी यादों को  सारा जमाना |
 
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर  
  

Views: 534

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 1, 2012 at 6:45pm
आदरणीय अलबेला जी आपके पास है बधाई का खजाना 
इसीलिए तो अलबेला है ओ बी ओ में सबका जाना-माना
हार्दिक धन्यवाद -लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर  
Comment by Albela Khatri on August 1, 2012 at 11:30am

waah...........bahut unchi baat

badhaai ho lakshman prasad ji

हमारे पूर्वजों के मशवरे है, अनमोल खजाना 
याद करेगा उनकी यादों को  सारा जमाना |
__bahut khoob
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 1, 2012 at 9:31am
भाई अहोक कुमार रक्ताले जी, 
रचना पसंद आई इसके लिए धन्यवाद 
दरअसल यह रचना तरही मुशायरा में अंकित की 
गयी थी, अद्दर्निय बागीजी मेरे अनुरोध पर इसमें 
कुछ संशोधन कर रहे थे तब त्रुटिवश delite हो गयी 
फिर अधिक देर हो जाने के कारण इसे ३१ को ब्लॉग-
पर पोस्ट करना पड़ा | उससमय आदरणीय अम्ब्रिश्जी
सहित जिन्होंने भी उत्साहवर्दन किया उन्सब्को भी
हार्दिक धन्यवाद |-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर 
Comment by Ashok Kumar Raktale on August 1, 2012 at 8:02am

आदरणीय

        सादर प्रणाम,

          

जिंदगी जैसे मोती मणियों से माला बनाना  
फिर आहिस्ता आहिस्ता टूटकर बिखर जाना
वाह बहुत सुन्दर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। अलग ही रदीफ़ पर शानदार मतले के साथ बेहतरीन गजल हुई है।  बधाई…"
14 minutes ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान देने तथा अपने अमूल्य सुझाव से मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"गंगा-स्नान की मूल अवधारणा को सस्वर करती कुण्डलिया छंद में निबद्ध रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते थक गई, पाप गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म से…See More
6 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सत्तरवाँ आयोजन है।.…See More
14 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"सादर प्रणाम🙏 आदरणीय चेतन प्रकाश जी ! अच्छे दोहों के साथ आयोजन में सहभागी बने हैं आप।बहुत बधाई।"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ! सादर अभिवादन 🙏 बहुत ही अच्छे और सारगर्भित दोहे कहे आपने।  // संकट में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service