For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरी माँ है सबसे प्यारी 

मोहपाश

दादा-दादी की दुलारी
मेरी माँ है सबसे प्यारी  
है बहुत संस्कारी  
सबके लिए उपकारी   
रूप उसका चमत्कारी    
 जग में सबसे न्यारी  
उनसे दुनिया सारी  
उससे ही यह सिलसिला जारी 
उसकी महिमा सबसे न्यारी 
कभी वह अबला  नारी  
तो कभी सबला नारी,
पर है सब पर ही भारी
सेवा पूजा से उसका नाता 
घर चौके की वह अधिष्ठाता 
ज्यादा वक्त चौके में जाता 
त्यौहांरो की  करती तैयारी
सच में वह माँ कल्याणी 
मेरी माँ है सबसे प्यारी |
               -------
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला

 

Views: 553

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on August 4, 2012 at 11:31pm

आदरणीय

            सादर प्रणाम,

घर चौके की वह अधिष्ठाता 
ज्यादा वक्त चौके में जाता 
माँ के सम्मान में लिखी सुन्दर रचना. सचमुच माँ होती ही ऐसी है.
 मगर आजकल कि जो स्थिति है उस पर दो पंक्तियाँ लिखना चाहूँगा.
चूल्हे चौके से है मन घबराता,
अक्सर भोजन होटल से आता.
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 3, 2012 at 10:21pm

हार्दिक धन्यवाद आदरणीय रेखा जोशी जी  सादर नमन 

Comment by Rekha Joshi on August 3, 2012 at 7:19pm

आदरणीय लक्षमण जी ,सादर नमस्ते 

ज्यादा वक्त चौके में जाता 
त्यौहांरो की  करती तैयारी
सच में वह माँ कल्याणी 
मेरी माँ है सबसे प्यारी |,माँ जैसा इस दुनिया में हो ही नही सकता ,सुंदर रचना पर मेरी बधाई स्वीकार करें 
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 3, 2012 at 6:10pm

अरुण शर्मा 'अनंत'जी और वसुधा निगम जी "

मेरी माँ है सबसे प्यारी रचना पसंद करने पर हार्दिक  धन्यवाद 

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 3, 2012 at 11:33am

आदरणीय लक्ष्मण जी, माँ होती ही इतनी प्यारी है. बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी बहुत शुक्रिया आदरणीय चेतन प्रकाश जी "
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
7 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
8 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service