सारे रिश्ते देह के, मन का केवल यार
यारी जब से हो गई , जीवन है गुलज़ार
मन ने मन से कर लिया आजीवन अनुबन्ध
तेरी मेरी मित्रता स्नेहसिक्त सम्बन्ध
मित्र सरीखा कौन है, इस दुनिया में मर्द
बाँट सके जो दर्द को बन कर के हमदर्द
मीत बनो तो यूँ बनो, जैसे शिव और राम
इक दूजे का रात दिन, जपे निरन्तर नाम
मेरी हर शुभकामना, फले तुझे ऐ यार
यश धन बल आरोग्य से, दमके घर संसार
चाहे दुःख का रुदन हो, चाहे सुख के गीत
रहना मेरे साथ में, हर दम मेरे मीत
-अलबेला खत्री
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मन ने मन से कर लिया आजीवन अनुबन्ध
तेरी मेरी मित्रता स्नेहसिक्त सम्बन्ध .. .
आपकी मंगल-कामनाओं के लिये हृदय से आभारी हूँ, आद. अलबेलाजी.
आदरणीय सौरभ जी,
आप जैसे धीर और गम्भीर पुरूष तो समग्र जगत की गांठें खोल देने का सामर्थ्य रखते हैं भाईजी, आपके जीवन में कोई भी दुविधा नहीं टिक सकती, ऐसा मेरा दृढ़ विश्वास है . परमपिता अपने लाड़ले पुत्रों को कभी भी दुविधा में नहीं रखता .
आपके आरोग्य एवं सतत प्रवाहमान सृजन सत्कर्म के लिए मेरी विनम्र मंगल कामनाएँ
सादर, आदरणीय अलबेलाजी.
इधर कुछ दिनों से (हफ़्ते भर अधिक हो गये) मैं अटपटाया हुआ हूँ, मित्रवर. अब एक-एक करके गिरह खुल रहे हैं, साँस में साँस आ पा रही है.
सादर सुप्रभात श्रद्धेय सौरभ जी,
आपके उदार व्यक्तित्व की झलक आपके शब्दों में सदैव मिलती है. किसी को परखने, प्रोत्साहित करने एवं प्रेमपूर्वक परिष्कृत करने की कला आपश्री में कूट कूट कर भरी है परमात्मा ने.......आप धन्य हैं महाप्रभु !
आपके शब्दों ने मेरा आज का दिन सुधार दिया
सादर
सुप्रभात, आदरणीय अलबेलाजी. देखिये हत्-भाग्य कि मैं इतने मनोहारी दोहा छंदों से चूक गया था. आपका हर दोहा दैनिक जीवन का हिस्सा बन जाने की कुव्वत रखता है.
सादर
धन्यवाद श्री आशीष जी
सादर
हाय हाय हाय हाय......
वाह उमाशंकर जी वाह !
कित्ता सुन्दर गुलदस्ता भेजा आपने ........वाह ! आनंद आगया
आपके शब्द और आपकी भेंट दोनों ही मेरे लिए अनमोल हैं
___आपके इस मोहब्बतनामे को मेरा दिली सलाम !
__जय हिंद !
आपका बहुत बहुत धन्यवाद सीमा जी......
सादर
बहुत बहुत धन्यवाद अरुण जी.......
आदरणीय भ्रमर जी.......सादर प्रणाम
आपके शब्दों ने बड़ा सुख दिया
__आपको हार्दिक धन्यवाद
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