For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नेताजी (कुण्डलिया)
 

नेताजी का हो गया, कवियित्री से ब्याह,

नेतानी कविता लिखें, उनकी निकले आह,

उनकी निकले आह, सुनें जब भी वो दोहा,

लिखना विखना छोड़ पकाना सीखो पोहा,

चलो डार्लिंग किटी, रमी में जीतो बाजी,

समझाते हैं मस्त, नेतानी को नेताजी .......

Views: 675

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 9, 2012 at 7:32pm

आदरणीय सौरभ सर, इस प्रकार की रचना पहली बार लिखने का प्रयास किया है, यदि यह हास्य का पुट वास्तव में अच्छा है, तो मै आगे भी इस पर प्रयास ज़रूर करुँगी. इस शैली में रचना लिख मैं रचना के प्रति बहुत आश्वस्त नहीं थी. पर आप सबके अनुमोदन से प्रतीत हो रहा है, कि इस प्रकार सहज रूप से लिखना भी स्वयं में एक समृद्ध शैली है. आपके बेशकीमती सतत प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार. सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 9, 2012 at 6:54am

एक प्रश्न आदरणीय अम्बरीषभाईजी से -

सनातनी छंदों में मात्राएँ गिरायी जाती हैं ?


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 9, 2012 at 6:53am

डॉ. प्राची, आपकी इस हास्य कुण्डलिया पर मेरी दृष्टि अभी पड़ी है इस हेतु मैं क्षमा चाहता हूँ. आपका छंद-प्रयास अभिभूत तो करता ही है, अपने विभिन्न आयामों से आश्वस्त तथा संतुष्ट भी करता है. यह खूबी विरले कोई रचनाकार जी पाता है. आपकी नम्र साहित्य-साधना इस मंच के साहित्य प्रेमियों के लिये सकारात्मक परिवर्द्धन है.

सादर

Comment by Albela Khatri on August 9, 2012 at 6:12am

सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 8, 2012 at 11:51am

वाह प्राची जी वाह बहुत खूब क्या बात है बधाई स्वीकारें

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 7, 2012 at 9:56am

सुप्रभात डॉ० प्राची जी ! आपका हार्दिक स्वागत है !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 7, 2012 at 9:54am

इस हास्य रचना को सराह उत्साह वर्धन करने के लिए व रोला के अंत पदों में वांछित सुधार करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय अम्बरीश जी. सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 7, 2012 at 9:50am

आपका आभार आशीष यादव जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 7, 2012 at 9:50am

यह कुण्डलिया आपको रुचिकर लगी, यह जान कर बहुत अच्छा लगा आ. राजेश कुमारी जी, आपका हार्दिक आभार.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 7, 2012 at 9:49am

धन्यवाद आ. अविनाश बागडे जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
47 minutes ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
16 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"बेहद मुश्किल काफ़िये को कितनी खूबसूरती से निभा गए आदरणीय, बधाई स्वीकारें सब की माँ को जो मैंने माँ…"
16 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service