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ईद मुबारक पर तीन कह-मुकरियां

ईद मुबारक

वो जब आये, धूम मचाये
आँगन आँगन ख़ुशियाँ लाये
सब कहते हैं  ख़ुश आमदीद
क्या सखि साजन ?
नहिं सखि ईद


तन नूरानी, मन नूरानी
सबके घर आँगन नूरानी
चमकदार है इसकी दीद
क्या सखि साजन ?
नहिं सखि ईद

उसकी आमद लगे सुहानी
झूमे नाना झूमे नानी
सारा आलम लगे खुर्शीद
क्या सखि बादल ?
नहीं सखि ईद

 

ईद मुबारक

-अलबेला खत्री 

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Comment

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Comment by Albela Khatri on August 21, 2012 at 11:50pm

अकेले अकेले महाप्रभु ?
थोडा प्रसाद बालकों को भी................

जय हो
नहीं....वीरू हो !

___वैसे जब सेवैयाँ  नहीं मिली तो कुछ भी  हो.....हा हा हा


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 21, 2012 at 11:47pm

सेवैयाँ मिल गयीं. हार्दिक धन्यवाद... .

Comment by Albela Khatri on August 21, 2012 at 11:20pm

आभारी हूँ अविनाश जी,........
आपका स्नेह  पा कर धन्य हुआ
सादर

Comment by AVINASH S BAGDE on August 21, 2012 at 11:15pm

सब कहते हैं  ख़ुश आमदीद

चमकदार है इसकी दीद

सारा आलम लगे खुर्शीद
क्या सखि बादल ?
नहीं सखि ईद...itani sunder bat EID pe nahi padhi Albela ji...

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