For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तीन ताज़ा कह-मुकरियां




बाघ सरीखा जब वह गरजे,
भीडू अक्खी मुम्बई लरजे
राजनीति की नई आवाज़
क्या सखि उद्धव ?
नहीं सखि राज  



जनता रोये वह मुस्काये
मंहगाई  की हँसी उड़ाये
ठोक रहा वह सबको छेणी
क्या सखि मन्नू ?
नहीं सखि वेणी



प्यासा प्यासा तरसा तरसा
सावन में भी तनिक न सरसा
ताक रहा है मेघ मुहूरत
क्या सखि साजन ?
नहिं सखि सूरत  

-अलबेला खत्री

Views: 682

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on August 24, 2012 at 11:37pm

सादर धन्यवाद  आपको रक्ताले  भाईजी..........
बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by Ashok Kumar Raktale on August 24, 2012 at 11:35pm

आदरणीय अलबेला जी

               सादर नमस्कार, बहुत सुन्दर कह मुकरियाँ और साथ में गुजरात के लिए आपके समर्पण को भी नमन.

              

रात रातभर जगता तपता,

दूर तलक है उसको तकता,

कैसे करे उससे गुजारिश,

क्या सखि नानी?

नहि सखि बारिश!

Comment by Albela Khatri on August 24, 2012 at 10:43am

नमस्कार प्रदीप जी......
आपका आना सुखद लगा
__आशा है स्वास्थ्य अच्छा होगा ........

सादर

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 24, 2012 at 10:13am

प्यासा प्यासा तरसा तरसा
सावन में भी तनिक न सरसा
ताक रहा है मेघ मुहूरत
क्या सखि साजन ?
नहिं सखि सूरत  

सब जगह गरज रहे

सब जगह बरस रहे

मेघ ममता की moorat  

aap  कोई करो उपाय

प्यासा न रहे सूरत.

बधाई.

 

Comment by Albela Khatri on August 23, 2012 at 6:37pm


शुक्रिया भाई जी,,,,,,,,,,,
आपका आभार नवल जी

Comment by Albela Khatri on August 23, 2012 at 6:36pm

धन्यवाद आदरणीया

Comment by Rekha Joshi on August 23, 2012 at 11:41am

..बधाई.

Comment by Naval Kishor Soni on August 23, 2012 at 11:06am

क्या बात है........बधाई.......

Comment by Albela Khatri on August 23, 2012 at 8:54am

नमस्कार अम्बरीश जी
बहुत बहुत धन्यवाद भाईजी........
आपकी प्रशंसा  सदैव प्रफुल्लित करती है

__सादर

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 8:51am

झांके सबके दिल के अंदर

कह मुकरी जिसकी सब सुन्दर

मस्त मीडिया प्रमुदित चेला  

क्या सखि छैला? नहिं अलबेला !

वाह आदरणीय अलबेला जी ! वाह ! क्या लज्जतदार कहमुकरियाँ कही हैं .......एक से बढ़कर एक ......सादर बधाई मित्रवर ....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service