पंक्तियाँ
v एक दिन देखना देश हमारा इतना हाईटेक हो जाएगा,
दूल्हा भी घूंघट दुल्हन का रिमोट से ही उठाएगा!
v आयेंगे तो जा न पायेंगे ये हमारी ज़िम्मेदारी है,
और जायेंगे भी कैसे जनाब ये अस्पताल ही सरकारी है!
v पुरुषो से हैं कहीं आगे आजकल की महिलाएं,
धडल्ले से हैं पीती दारू वो भी बिना बरफ मिलाये!
v पत्नियां घूमें सेल में ढूंढें महंगी साड़ी,
पति बेचारा जेब टटोले कभी खुजाये दाढ़ी!
v सरकारी दफ्तर का देखो अपना अलग है सेटेलमेंट,
काम के बदले माँगा करते हमसे ये ३०परसेंट!
v आसमान में ना सूरज ना तारा ही दिख पायेगा,
गाड़ियों के काले धुंए से सौरमंडल ढक जाएगा!
v ज्ञान गुरु कहते है मंच से, सादा जीवन उच्च विचार,
ज्ञान के बदले इन्हें चाहिए दारू, लड़की, ए.सी. कार!
v छोटे कपडे पहन के लडकियां ,खुद का बदन दिखाती हैं,
नज़र भर के कोई देख ले, तो इज्ज़त इज्ज़त चिल्लाती हैं!
v पहचान पूछने पर वैसे तो, पहचान पत्र दिखाते हैं,
आजकल तो फेसबुक आई. डी.को ही, लोग अपनी पहचान बताते हैं!
v १० में पुलिस, २० में डॉक्टर, ५० में इज्ज़त बिक जाती है,
अब कहो, क्या देश में महंगाई नज़र आती है!
Comment
@ Yogi Saraswat ji lekin sach to yahi hai...
१० में पुलिस, २० में डॉक्टर, ५० में इज्ज़त बिक जाती है,
अब कहो, क्या देश में महंगाई नज़र आती है!
रणवीर प्रताप जी आपकी लेखनी को बधाई , किन्तु कितना बढ़िया होता हमें इस देश में ऐसी पंक्तियाँ लिखने की जरुरत ही न होती ?>
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