For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दर्द में जो बात है वो बात राहत में कहाँ !

संघर्ष में आनंद है जो कामयाबी में कहाँ !
दर्द में जो बात है वो बात राहत में कहाँ !

मुद्दा कोई उलझा रहे चलती रहें बस अटकलें ,
जो मज़ा उलझन में है वो सुलझने में कहाँ !


ज़िंदगी की मुश्किलों से रोज़ टकराते रहें ,
ज़िंदगी के साथ है सब मौत आने पर कहाँ !

बरसो बाद दोस्त मिला दिल को मिली कितनी ख़ुशी !
ये गर्मजोशी ,शिकवे ,गिले रोज़ मिलने में कहाँ !

हमको सुकून की नहीं हमें कशमकश की चाह ,
जो बात गर्म खून में वो ठंडे में कहाँ !

शिखा कौशिक 

Views: 454

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shikha kaushik on September 30, 2012 at 10:37pm
विजय जी ,सुरेन्द्र जी ,शालिनी जी व् राजेश जी उत्साहित करने हेतु हार्दिक आभार

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 30, 2012 at 9:55am

जो मजा चुनौती पूर्ण जिन्दगी जीने में  है वो और कहाँ बढ़िया प्रस्तुति शिखा जी 

Comment by shalini kaushik on September 30, 2012 at 12:56am

बहुत सही व् शानदार प्रस्तुति आभार <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com">उत्तर प्रदेश सरकार राजनीति छोड़ जमीनी हकीकत से जुड़े.</a>

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on September 30, 2012 at 12:53am

ज़िंदगी की मुश्किलों से रोज़ टकराते रहें ,
ज़िंदगी के साथ है सब मौत आने पर कहाँ !

सच में शिखा जी संघर्ष और चलते रहने में ही मजा है  ..बहुत सुन्दर सन्देश  ...सुन्दर रचना  ....

अपना स्नेह बनाये रखें 
भ्रमर ५ 
जय श्री राधे 

 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 29, 2012 at 7:30pm

मन को आनंद व्यस्त रहने में ही आता है... इन भावों को सुन्दर दो धुर पर तौलते हुए शाब्दिक चित्रण किया है आपने... बधाई इस अभिव्यक्ति पर शिखा कौशिक जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​आपकी टिप्पणी एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तमाम जी, हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति , स्नेह और मार्गदर्शन के लिए आभार। मतले पर आपका…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, आपकी टिप्पणी एवं मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार। सुधार का प्रयास करुंगा।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। आ. भाई तिलकराज जी के सुझाव से यह और निखर गयी है।…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service