For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नेता है तो देश है..!

नेता है तो देश  है..!

 

(courtesy Google Images)

नेता नेता क्या करता है, नेता है तो देश  है..!
छद्म छलावा, रूप निराला,क्यों करता अंदेश* है? (संदेह)*
   

क्यों करता अंदेश* है? मौज उड़ा ले,जश्न मना ले,
नानी तेरी मर गई क्या, फटीं हुई क्यों  ड्रेस है?
नेता नेता क्या करता है, नेता है तो देश  है..!


फटीं हुई क्यों ड्रेस है,साड़ी
 पहन,खादी पहन,
नहीं तो तु, बर्बादी  पहन, तेरे नाम संदेश है..!
नेता नेता क्या करता है, नेता है तो देश  है..!


तेरे नाम संदेश है,  गांधी  बेचा,  नेहरू  बेचा,
तु  बाक़ी 
है, तु  भी आजा, क़ीमत राशि कैश  है..!
नेता  नेता  क्या  करता है, नेता है तो देश  है..!


क़ीमत राशि कैश है,बिका नहीं तो,रह जायेगा,
जो  मिले  अमृत  बराबर, किस्मत तेरी ऐश है..!
नेता  नेता  क्या  करता  है, नेता है तो देश  है..!

 

किस्मत तेरी ऐश है,कल बिका तो ज़हर बराबर,
देख ले अपनी  ओर  ज़रा, लगता तु दरवेश है..!
नेता  नेता  क्या  करता  है, नेता  है  तो देश  है..!

 

लगता  तु  दरवेश है, भूखों मरेगा,कष्ट सहेगा,
मस्त हो जा, भ्रष्ट हो जा, हमें  देता क्यों ठेस है..!
नेता  नेता  क्या  करता  है, नेता है तो देश  है..!
छद्म  छलावा, रूप निराला, करता क्यों 
अंदेश* है? (संदेह)*
 

मार्कण्ड दवे । दिनांक-२५-०४-२०११.

Views: 542

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MARKAND DAVE. on October 15, 2012 at 8:59am

@ श्री गणेशजी,

पिछले बंध के अंतिम अंश को दोहराने से, अगले बंद का अर्थ का संधान सरलता से करने हेतु यह शैली अपनाई है । इसे कई बार कई काव्य, गीत में कई नामी रचनाकार ने प्रयोग में लिया है । वैसे एक छोटा सा स्वरकार होने के नाते  मेरे ज़हन में पहले गीत की ट्यून आती है बाद में शब्द..!

 

आपको रचना अच्छी लगी, आपका बहुर-बहुत शुक्रिया-धन्यवाद । 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 14, 2012 at 6:09pm

बहुत ही शानदार अभिव्यक्ति, बधाई आदरणीय दवे साहब, एक चीज पूछना चाहता हूँ केवल अपनी जानकारी बढाने के उद्देश्य से ...पिछले बंद से कुछ अंश लेकर अगले बंद को रची गई है, क्या यह काव्य की कोई विशेष शैली है ?

Comment by AVINASH S BAGDE on October 12, 2012 at 7:00pm

फटीं हुई क्यों ड्रेस है,साड़ी पहन,खादी पहन,
नहीं तो तु, बर्बादी  पहन, तेरे नाम संदेश है..!...मार्कंड दवे जी सुन्दर अभिव्यक्ति

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 12, 2012 at 5:06pm
-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर  
मस्त हो जा, भ्रष्ट हो जा, हमें  देता क्यों ठेस है..!
नेता  नेता  क्या  करता  है, नेता है तो देश  है..!
छद्म  छलावा, रूप निराला, करता क्यों 
अंदेश* है?
 
करारे व्यंग में भी क्या खूब सन्देश है, 
बहुत बधाई श्री मार्कंड दवे जी 
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 12, 2012 at 5:04pm
मस्त हो जा, भ्रष्ट हो जा, हमें  देता क्यों ठेस है..!
नेता  नेता  क्या  करता  है, नेता है तो देश  है..!
छद्म  छलावा, रूप निराला, करता क्यों 
अंदेश* है?
करारे व्यंग में भी क्या खूब सन्देश है, 
बहुत बधाई श्री मार्कंड दवे जी 

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on October 12, 2012 at 10:44am

//क़ीमत राशि कैश है,बिका नहीं तो,रह जायेगा,
जो मिले अमृत बराबर, किस्मत तेरी ऐश है..!//

वाह वाह वाह आदरणीय मार्कंड दवे जी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है, बधाई स्वीकार करें.    

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदमी दिल का वह बुरा तो नहीं सिर्फ इससे  खुदा  हुआ  तो नहीं।। (पर जमाने से कुछ…"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आ, मेदानी जी, कृपया देखेंकि आपके मतल'अ में स्वर ' उका' की क़ैद हो गयी है, अत:…"
11 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल में कुछ दोष आदरणीय अजय गुप्ता जी नें अपनी टिप्पणी में बताये। उन्हे ठीक कर ग़ज़ल पुन: पोस्ट कर…"
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय निलेश नूर जी, आपकी ग़ज़ल का मैं सदैव प्रशंसक रहा हूँ। यह ग़ज़ल भी प्रशंसनीय है किंतु दूसरे…"
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय गुप्ता अजेय जी, पोस्ट पर आने और सुझाव देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। बशर शब्द का प्रयोग…"
15 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्ते ऋचा जी, अच्छी ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई। अच्छे भाव और शब्दों से सजे अशआर हैं। पर यह भी है कि…"
17 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय दयाराम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई आपको  अच्छे मतले से ग़ज़ल की शुरुआत के लिए…"
17 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रास्ता  घर  का  दूसरा  तो  नहीं  जीना मरना अलग हुआ तो…"
17 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"2122 1212 22 दिल को पत्थर बना दिया तो नहीं  वो किसी याद का किला तो नहीं 1 कुछ नशा रात मुझपे…"
19 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल अंत आतंक का हुआ तो नहींखून बहना अभी रुका तो नहीं आग फैली गली गली लेकिन सिर फिरा कोई भी नपा तो…"
20 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार नीलेश भाई, एक शानदार ग़ज़ल के लिए बहुत बधाई। कुछ शेर बहुत हसीन और दमदार हुए…"
21 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार जयहिंद रायपुरी जी, ग़ज़ल पर अच्छा प्रयास हुआ है। //ज़ेह्न कुछ और कहता और ही दिलकोई अंदर मेरे…"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service