करवा चौथ -एक सत्य कथा (हास्य व्यंग) लघु कथा
Comment
आदरणीय बड़े भाई, लक्ष्मण जी सादर अभिवादन.
अब गलती नहीं करूँगा.
आभार स्नेह प्रदान करने हेतु.
आदरणीय गुरुदेव सौरभ जी,
सादर अभिवादन.
आपका आशीर्वाद और स्नेह जिसे प्राप्त हो, कोयला होने पर भी भी हीरा दीखता है.
आभार प्रोत्साहन हेतु.
सुन्दर और हास्य की सामयिक लागु कथा के लिए बधाई भाई प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी. पर शर्मा ने खुद के साथ साथ वर्मा जी को भी पत्नी को खुश करने के लिए उपहार लाने से रोककर अच्छा नहीं किया |
//शर्मा जी ठीक है मै आपके साथ दो बजे की ट्रेन से वापस लौटूंगा //
हा हा हा हा .. !
आदरणीय प्रदीपभाईजी, आपकी चुटीली लघु-कथाएँ आपके रचनाकर्म को एक अलग ही प्रभाव दे रही हैं. आपका यह शानदार स्वरूप मुझे चकित तो अवश्य कर रहा है किन्तु मेरे लिये ही नहीं इस मंच के लिये भी अति प्रसन्नतादायी और संतुष्टिकारक है.
इस लघु-कथा के लिये हृदय से साधुवाद और हार्दिक शुभकामनाएँ व बधाइयाँ .. .
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